पटना: बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ कुछ दिन पहले मोर्चा खोल दिया था. इसको लेकर वो काफी सुर्खियों में भी रहे थे. एक बार फिर उन्होंने कृषि बिल का मुद्दा उठाया है. इसको लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि बिहार में प्राइवेट कृषि बिल (Private Agriculture Bill) लाएंगे. इस बिल को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav) सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारियों मैंने खुद व्यक्तिगत रूप से चर्चा की है. इस बिल से सरकार को लाभ मिलेगा.
मंडी कानून खत्म होने से बिहार को हुआ नुकसान- सुधाकर सिंह
सुधाकर सिंह ने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री था, तो कृषि को लेकर कई सवाल आकड़ों के साथ मैंने उठाया था. इसके साथ ही इस क्षेत्र में सुधार को लेकर मैंने कई योजना भी बनाई थी. बिहार आज कृषि क्षेत्र में काफी पीछे है. इस मामले में पंजाब के किसान बहुत आगे हैं. वहां के किसान मंडी कानून के आधार पर ही बिहार के किसानों से बहुत आगे हैं. बिहार में मंडी कानून साल 2006 में ही खत्म कर दिया गया था. आज इस कानून के खत्म होने से बिहार के किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है.
इससे किसानों को होगा बहुत लाभ- पूर्व कृषि मंत्री
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि 'कृषि उपज, पशुधन विपणन और मंडी स्थापना विधयेक लाना चाहता हूं. इसे विधानसभा से पारित किया जाएगा. इसके मुख्य पांच बिंदु है. पूरे बिहार में किसानों के लिए हर दस किलोमीटर पर एक मंडी होगी. पंचायत स्तर पर भी मंडी का निर्माण कराया जाएगा. सरकारी कृषि मंडी का संचालन बजार समिति की होगी और कृषि मंडी का देख- रेख जनता से चुने गए प्रतिनिधि करेंगे. ग्रामीण उद्यमियों को सरकार के तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. कृषि मंडी से न्यूनतम मूल्य पर खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
'डेढ़ लाख करोड़ का होगा सालाना इनकम'
वहीं, इसके आगे सुधाकर सिंह ने बताया कि बिहार सरकार का सालाना बजट एक लाख करोड़ है, लेकिन जो हम कृषि विधेयक बिल लाने की बात कर रहे हैं, उसमें इस बिल से डेढ़ लाख करोड़ का सालाना इनकम राज्य सरकार को होगा. इससे किसानों को भी फायदा होगा.