पुर्णिया: पुर्णिया रेंज के नए पदस्थापित आई जी सुरेश प्रसाद चौधरी ने कार्यवाही करते हुए कटिहार ज़िला के 3 पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. आईजी कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार ज़िला के 3 अलग अलग थाना व ओपी के पुलिस अधिकारीयों के विरुद्ध कार्यवाही हुई है.


पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर हुई कार्यवाही


कटिहार ज़िला के 3 पुलिस पदाधिकारीयों के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक कटिहार की अनुशंसा पर विभागीय कार्यवाही हुई है, जिसके बाद पुर्णिया रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुरेश प्रसाद में सभी 3 अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
पत्र के अनुसार जिन पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही हुई है वो कटिहार ज़िला के बारसोई अंतर्गत कचना ओपी के तत्कालीन प्रभारी दिलीप कुमार ओझा, बारसोई के ही सुधानी ओपी के ज़ाकिर हुसैन और कटिहार ज़िला के फलका अंतर्गत पोठिया ओपी के संजीव कुमार पासवान हैं, जिन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.


ओपी प्रभारी पर आर्म्स एक्ट का मामला


कटिहार ज़िला के बारसोई अंतर्गत कचना ओपी के तत्कालीन प्रभारी दिलीप कुमार ओझा पर कांड संख्या 272/18, दिनांक 26.09.2018 में मामला दर्ज हुआ था, जिसमें धारा - 302/120(बी)/354/504/34 भारतीय दंड विधान के तहत मामला दर्ज था. इसके अलावा बारसोई थाना कांड संख्या - 281/19, दिनांक 25.11.2019 में धारा -25(1-बी)ए / 26, आर्म्स एक्ट में इनके द्वारा आपराधिक कृत्य का मामला दर्ज हुआ था, जिसे लेकर अब उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.


ओपी प्रभारी पर सरकारी रिवॉल्वर से जानलेवा हमला करने का आरोप


दूसरे पुलिस कर्मी जिन पर आरोप लगा है वो है कटिहार ज़िला के बारसोई अंतर्गत सुधानी ओपी के ज़ाकिर हुसैन, इनपर वर्ष 2018 में धारा - 448/326/307 एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत सुधानी थाना में मामला दर्ज हुआ था. इनपर आरोप है कि तत्कालीन ओपी प्रभारी अ.नि. राकेश रमण पर सरकारी कार्यों के निष्पादन के दौरान सरकारी रिवाल्वर से जानलेवा हमला कर ज़ख्मी कर दिया था. इनपर भी विभागीय कार्यवाही हुई है.


अवैध वसूली में फंसे पुलिस कर्मी


बर्खास्त किए गए कर्मियों में तीसरा नाम कटिहार ज़िला के फलका अंतर्गत पोठिया ओपी के तत्कालीन कर्मी संजीव कुमार पासवान का है.इनपर वर्ष 2019 में आरोप दाखिल हुआ था, जिसमें धारा 384/387/120(बी)/ 34 एवं धारा 13(I)(D) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अवैध वसूली का आरोप लगा है. इन्हें भी कटिहार पुलिस अधीक्षक के अनुशंसा पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.


आईजी की ये कार्यवाही सबक है उन पुलिस कर्मियों के लिए जो सरकारी महकमे में रहने के बाद पद का दुरुपयोग करते हैं. इस कार्यवाही से ये साबित होता है, दोषी चाहे जो भी हो कानून सबके लिए बराबर है.इस कार्यवाही से उम्मीद जताई जा रही नागरिकों में पुलिस के प्रति विश्वास भी बढेगा.