पूर्णिया: 2010 में बांग्लादेश के युवक तौफ़ीक को पुर्णिया के चूनापूर एयरफोर्स स्टेशन के समीप संदिग्ध हालत में गिरफ्तार किया गया था.तौफीक के पास से न तो वीसा था और न ही भारत में इनके कोई संबंधी. गिरफ्तार होने के बाद कौफीक पर तीन साल की सश्रम जेल की सज़ा और 3 हज़ार रुपए जुर्माना लगाया गया था. ज़ुर्माना नहीं देने पर 3 महीने अतिरिक्त सज़ा की अवधि बढ़ा दी गयी थी.


सज़ा पूरा होने के बाद भी तौफीक बांग्लादेश नहीं लौट पाए. इसी इंतज़ार में साल 2017 में उसे निर्वासन केंद्र में रखा गया. तब से उसे वापिस ले जाने कोई नहीं आया. 24 नवंबर 2020 को तौफ़ीक की तबियत बिगड़ गई, और इलाज के लिए इन्हे पुर्णिया सदर अस्पताल लाया गया, जहां से 5 दिसंबर 2020 को उसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर भेजा गया. 25 दिसंबर को इलाज के दौरान हीं तौफीक की मौत हो गयी.


25 दिन बाद भी शव वैसे ही पड़ा है


बीते 25 दिसंबर को पुर्णिया जेल से भागलपुर मायागंज अस्पताल ले जाने के बाद तौफ़ीक की इलाज के दौरान मौत हो गई, और उनके शव को परिजनों के इंतजार में डीप फ्रीज़र में रख दिया गया. अंतिम क्रिया के लिए बांग्लादेश से उनके परिजन का इंतज़ार किया जा रहा है.


डीएम ने गृह विभाग को किया सूचित-बंग्लादेश से किया जा रहा संपर्क


तौफीक के शव के अंतिम क्रिया के लिए डीएम ने गृह विभाग को सूचित किया है. डीएम ने बताया कि तौफ़ीक के शव को डीप फ्रीज़र में रखा गया है. अंतिम क्रिया के लिए दिशा निर्देश देने का इंतजार किया जा रहा है. इस संबंध में गृह विभाग के अवर सचिव गिरीश मोहन ठाकुर ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव को पत्र भेजा है. पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि तौफ़ीक के अन्तिम क्रिया के सन्दर्भ में त्वरित मार्ग दर्शन दिया जाए. हालांकि सूचना के मुताबिक अब तक किसी भी तरह का निर्देश नहीं मिल पाया है.


सूत्रों की माने तो बीते 1 जनवरी 2021 को विदेश मंत्रालय भारत सरकार का पत्र भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा को मिला. इस पत्र में कहा गया है कि बंग्लादेश हाई कमीशन को इस मामले की सूचना दी गयी है, जिससे शव परिजनों को सौंपा जा सके. एक निश्चित समय सीमा तक हाई कमीशन के पत्र या फिर बंग्लादेश से परिजन या प्रतिनिधि के आने का इंतेज़ार किया जा रहा है.