Prayagraj Question Paper Leak Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की जनरल डिपार्मेंट कॉम्पिटेटिव परीक्षा का क्वेश्चन आउट होने के मामले में सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच ने बड़ा खुलासा किया है. सीबीआई ने खुलासा किया है कि इस मामले में पटना रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष और उनके कई कर्मचारियों की मिली भगत है. सीबीआई के सूत्रों का यह भी करना है कि इसमें करोड़ों रुपये की वसूली हुई है, हर अभ्यर्थी से चार-चार लाख रुपये लिए गए हैं.
2021 अगस्त में हुई थी यह परीक्षा
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में कई लोगों की पहचान की गई है और सीबीआई ने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर दो दिन पहले छापेमारी की थी. इस मामले में यह भी खुलासा हुआ है कि रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष ने परीक्षा का प्रश्न पत्र अंग्रेजी में बनाया और उसे एप्टेक नाम के कंपनी को दिया गया, जो उसने हिंदी में अनुवाद किया उसके बाद एक दिन पहले ही यह प्रश्न आउट हो गया. जबकि परीक्षा का प्रश्न हिंद-अंग्रेजी में दोनों में बनाना था. अब इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में सीबीआई बड़ी कार्रवाई करेगी.
जांच में यह भी पता चला कि रेलवे के कई कर्मचारी खुद अभ्यर्थी बनकर परीक्षा में बैठे थे. कुछ स्थानों पर ऐसा किया गया था. इन कर्मियों ने कुछ लोगों के लिए साल्वर का भी काम किया था. बताया जा रहा है कि दो लोगों भूप सिंह और जितेन्द्र मीना ने पर्चा पाने के लिए रेलवे में तैनात प्रशांत मीना से सम्पर्क किया था. प्रशांत मीना ने रुपये ले लिए थे, लेकिन वह परीक्षा में शामिल नहीं हुआ था. भूप सिंह व जितेन्द्र मीना बाहरी लोग हैं, इनके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है.
बिहार सरकार ने बनाए हैं सख्त कानून
बता दें कि इसी साल हुई नीट परीक्षा के मामले की जांच भी अभी पूरी नहीं हुई है, इसके तार भी बिहार से ही जुड़े हैं. इस मामले में भी सीबीआई बिहार के लोगों से पूछताछ कर रही है. अब यूपी के प्रयागराज पेपर लीक का मामला भी बिहार से जुड़ने पर ये काफी चिंता का विषय है कि आखिर क्यों राजस्थान हो, एमपी हो या यूपी हो हर जगह के पेपर लीक के मामले बिहार सही क्यों जुड़ जाता है. हालांकि अब बिहार सरकार ने ऐसे मामले से निपटने के लिए सख्त कानून बना दिए हैं. जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है.
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