पटना: बिहार विधानमंडल के पांच दिवसीय मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन है. पांच दिनों के कार्यवाही में विपक्ष ने जन सरोकार के मुद्दे सदन में रखे. इधर, सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. हालांकि, पिछले बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ जो व्यवहार हुआ था, उसपर मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं कहा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन के अंदर और बाहर भी इस मुद्दे को उठाते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री का कोई जवाब नहीं आया. 


चुप क्यों हैं नीतीश कुमार?


अब इस बात को लेकर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. राबड़ी देवी ने ट्वीट कर पूछा, " लोकतंत्र को कलंकित कराने वाले इस कुकृत्य पर नीतीश कुमार चुप क्यों है?" दरअसल, बुधवार को तेजस्वी यादव ने सदन में बजट सत्र के दौरान हुई घटना का मुद्दा उठाया था. 




तेजस्वी यादव ने कही थी ये बात


उन्होंने कहा कि वे ये बिल्कुल नहीं मान सकते कि विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर पुलिस आए थे. सारा कुछ कहीं और से संचालित हो रहा था. अब भले ही स्पीकर पर सब कुछ थोपा जा रहा है, लेकिन पुलिस जवानों को विधायकों को पीटने का आदेश कहीं और से मिला था. अन्यथा उनकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो विधायकों को बूटों से पीट सकें और सदन से बाहर फेंक सकें. इस पूरे मामले में अधिकारियों को बचाया जा रहा है. 


स्पीकर ने कहा- गलती हुई है


इधर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी स्वीकार किया कि गलती हुई है. अपमान हुआ है. लेकिन, यह आसन का नहीं, सदन का अपमान हुआ है. विधायकों को बूट से मारना गलत है. यह किसी एक विधायक का नहीं, विधायिका का अपमान है. इसे माफ नहीं किया जा सकता है. विधायिका को चोट लगी तो सदन मर्माहत होगा ही स्पीकर ने कहा कि आखिर सदन में पुलिस क्यों आई, इस पर भी विचार करना होगा. ऐसी घटना फिर कभी न हो, इसके लिए सभी सदस्यों को संकल्प लेना होगा.


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