जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा-संजय जायसवाल
संजय जायसवाल ने कहा कि देश की जनता अच्छे से जानती है कि गांधी परिवार की निगाह में कांग्रेस उनकी घरेलू जागीर की तरह है. पार्टी पर गांधी परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए कांग्रेस में उन्हीं लोगों को महत्वपूर्ण पद दिए जाते हैं, जो पार्टी से ज्यादा ‘फैमिली’ के वफादार हों.
पटना: अगला कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार केे बाहर से होने के संबंधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से दिए गए बयानों को कांग्रेस की राजनीतिक नौटंकी बताते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने हमला बोला. उन्होंने कहा " अगले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से दिए जा रहे बयान, जनता की आंखों में धूल झोंकने की इनकी एक नयी कोशिश है."
उन्होंने कहा, " देश की जनता अच्छे से जानती है कि गांधी परिवार की निगाह में कांग्रेस उनकी घरेलू जागीर की तरह है. पार्टी पर गांधी परिवार की पकड़ बनाए रखने के लिए कांग्रेस में उन्हीं लोगों को महत्वपूर्ण पद दिए जाते हैं, जो पार्टी से ज्यादा ‘फैमिली’ के वफादार हों. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जानते हैं कि जैसे ही वह अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़ने का ड्रामा करेंगे, उनके वफादार इसे महान त्याग बताते हुए, ऐसा न करने के लिए अपनी छाती पीटना शुरू कर देंगे. जिसके बाद इसे कार्यकर्ताओं की मांग बताते हुए अध्यक्ष पद की कुर्सी फिर से गांधी परिवार के पास चली जाएगी."
संजय जायसवाल ने कहा, " आज की बात छोड़ें, आज से 40-50 साल बाद भी अगर राहुल शादी करते हैं तो उनके नहीं तो प्रियंका जी के बाल-बच्चे कांग्रेस अध्यक्ष पर दिखाई पड़ेंगे. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा यह जान लें कि देश की जनता उनके झांसे में आने वाली नहीं है, इसलिए अध्यक्ष पद की नौटंकी ना कर, कुछ देशहित के काम करें.”
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की इस बयानबाजी की असली वजह बताते हुए संजय जायसवाल ने कहा " कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से की जा रही इस राजनीतिक नौटंकी की असली वजह कुछ और ही है. दरअसल, कांग्रेस पर गांधी परिवार के कब्जे के खिलाफ इनके कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग मुखर होने लगा है. इन्हीं के एक पूर्व नेता के मुताबिक पिछले दिनों लगभग 100 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के आंतरिक मामलों से परेशानी जताते हुए पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा था, साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति में पारदर्शी चुनावों की भी मांग की थी. अगर गांधी परिवार की मंशा साफ रहती तो इन नेताओं की मांग सुनी जाती. लेकिन इसके उलट, इस खबर को उठाने वाले नेता को ही पार्टी से निकाल दिया गया. इससे साफ है कि गांधी परिवार से अलग कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का बयान सिर्फ पार्टी को टूट से बचाने के लिए दिया जा रहा है."