पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने शनिवार को सारण में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सदस्यता रद्द होने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मैं कोई कानून का विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के प्रति सम्मान के साथ मुझे ये लगता है कि दो साल की सजा अधिक है. राजनीति के लोग तरह की टिप्पणी करते हैं. यह पहला उदाहरण नहीं था और न ही यह कोई अंतिम उदाहरण होने वाला है. बीजेपी (BJP) के लोगों को अपने नेता अटल बिहार वाजपेयी (Atal Bihar Vajpayee) की पंक्ति 'छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता' याद करना चाहिए और बड़ा दिल दिखाना चाहिए.
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को दी नसीहत
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के लोगों को पता ही नहीं है कि वे किस लड़ाई में हैं. सिर्फ दिल्ली में संसद तक मार्च करने और ट्वीट करने भर से ये लड़ाई आप नहीं लड़ सकते. ये लड़ाई अगर आपको लड़नी है तो आपको जमीन पर, गांवों में, सड़कों पर उतरना पड़ेगा. कल मैं 20 किमी पैदल चला हूं, मुझे कांग्रेस का एक कार्यकर्ता नहीं मिला जो राहुल गांधी की सदस्यता पर गांवों में लोगों को बता रहा हो कि ये गलत हुआ है. जब तक विपक्षी दलों की लड़ाई चुनावी नतीजों में नहीं दिखेगी, तब तक कोई आपको गंभीरता से नहीं लेगा.
'अयोग्य ठहराने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी'
चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि वे बीजेपी और कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके हैं. 'मानहानि का मामला' उसके लिए दो साल की जेल अत्यधिक प्रतीत होती है. सत्तारूढ़ दल तकनीकी बातों की आड़ ले सकता है और जोर दे सकता है कि दोषसिद्धि को देखते हुए राहुल गांधी की अयोग्यता अपरिहार्य थी. इसके बाद भी मैं कहूंगा कि उन्हें अपने सम्मानित नेता दिवंगत वाजपेयी का अनुसरण करना चाहिए था और राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी.
ये है मामला
बता दें कि राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ को लेकर आपराधिक मानहानि के एक मामले में बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया गया था और दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई गयी थी. अदालत ने हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को तत्काल जमानत दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक रोक लगा दी थी, ताकि वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकें. वहीं, कोर्ट के इस फैसले के बाद केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया.
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