पटना: सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) (Lok Sabha) की लोकसभा सदस्यता को अयोग्य कर दिया गया है. इसको लेकर बिहार में भी राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और विधायक शकील अहमद (Shakeel Ahmed) ने कहा कि बहुत खूबसूरत तरीके से स्क्रिप्टेड काम किया गया है. वहीं, पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कहा कि यह साजिश के तहत किया गया है. बिहार और पूरा देश देख रहा है कि बीजेपी (BJP) क्या कर रही है. सब कुछ बीजेपी के आदेश पर हो रहा है.


बीजेपी राहुल गांधी को षड्यंत्र के तहत फंसा दी- शकील अहमद 


शकील अहमद ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी डरी हुई है. इसलिए जनता की उभरती आवाज राहुल गांधी को षड्यंत्र के तहत फंसा दी. लोकसभा सचिवालय से राहुल की संसद सदस्यता रद्द केंद्र सरकार ने करा दी लेकिन राहुल को जनता के दिल से बीजेपी नहीं हटा पाएगी. अब हम लोगों के लिए संघर्ष का समय है. 1947 में हम लोगों ने आजादी प्राप्त की थी लेकिन आजादी अब छीन ली गई है. सदस्यता रद्द के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.


ये है कानून


बता दें लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है. सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा हुई हो, तो ऐसे में उनकी सदस्यता संसद और विधानसभा से रद्द हो जाएगी. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं.


इस मामले में हुई है सजा


वहीं, राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही कैसे है? राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी.


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