पटनाः बिहार के सिवान में निर्दलीय एमएलसी के उम्मीदवार रईस खान के काफिले पर सोमवार की रात बदमाशों ने एके-47 से जानलेवा हमला कर दिया. इस हमले में रईस खान तो बाल-बाल बच गया लेकिन चार लोग जख्मी हो गए और एक शख्स की मौत हो गई. इधर इस हमले के बाद अब बदले की आग जल उठी है. जेडीयू के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह ने एलान कर दिया है कि हमला करने वाले छोड़ा नहीं जाएगा.
सबका हिसाब लिया जाएगा: श्याम बहादुर सिंह
दरअसल, घटना रात करीब 11 बजे के आसपास की है जब एमएलसी उम्मीदवार रईस खान शहर के पुरानी किला अपने कार्यालय से वापस गांव ग्यासपुर जा रहा था. हमले को लेकर सिवान से जेडीयू के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि इस घटना का हिसाब लिया जाएगा. हमारा भाई रईस खान किसी तरह बच गया इसलिए अब हिसाब तो जरूर दिया जाएगा.
कौन है ये रईस खान?
रईस खान का नाम सिवान में काफी चर्चित है, खास कर अपराध की दुनिया में लेकिन 2003 में एक इंस्पेक्टर की हत्या कर सुर्खियों में आया था. जिले में खान ब्रदर्स भी वर्षों से सक्रिय है. वर्ष 2002 में मनोज श्रीवास्तव की हत्या, 2003 में चैनपुर ओपी प्रभारी बीके यादव की हत्या के मामले दर्ज हैं. इस तरह के कई और मामले दर्ज हैं. झारखंड के गोड्डा जिले के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के अपहरण में रईस खान के गिरोह का नाम सामने आया था. अपराधियों ने 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी.
रईस खान ने किया घटना का खुलासा
इधर हमले के बाद एमएलसी उम्मीदवार रईस खान का कहना है कि उसपर चार-पांच एके-47 से एक साथ हमला किया गया. किसी तरह वो बाल-बाल बचा है, लेकिन उसके भाई को गोली लगी है और गांव के एक निर्दोष लड़के की मौत हो गई है. कहा कि डीएम के बोलने के बाद भी हमें चुनाव में गार्ड नहीं दिया गया. मुझे अभी भी खतरा है.
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