Rajdev Ranjan Murder Case: CBI कर चुकी थी मरा घोषित, गवाह पहुंच गई अदालत, जज साहब ने मांगा एजेंसी से जवाब
Siwan News: सीबीआई ने पहले गवाह से पूछताछ के लिए अदालत से समन जारी करने की मांग की थी लेकिन बाद में उसे मृत घोषित कर दिया था.
Bihar Journalist Rajdev Ranjan Murder Case: बिहार के चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) का एक अजब मामला सामने आया है. सीबीआई ने मामले में जिस गवाह (Witness) को मृत घोषित कर दिया था, वह अपने जिंदा होने का सबूत लेकर अदालत (Court) पहुंच गई. गवाह ने अदालत में उपस्थिति पत्र और आधार कार्ड दाखिल कर किया. इस पर अदालत ने सीबीआई से जवाव तलब किया है और सुनवाई की अगली तारीख 20 मई मुकर्रर की है.
क्या है मामला?
दरअसल, सीबीआई पत्रकार राजदेव रंजन (Rajdev Ranjan) हत्याकांड की जांच कर रही है. 2016 में हिंदी पत्रकार रंजन की पांच हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. बिहार सरकार ने मई 2016 में इस हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई से सिफारिश की थी. 15 सितंबर 2016 को सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया था. पिछले दिनों सीबीआई ने बादामी देवी नामक गवाह से पूछताछ के लिए अदालत से समन जारी करने की मांग की थी.
बादामी देवी सिवान के कसेरा टोली में रहती है. बादामी देवी से सीबीआई पूछताछ के लिए अदालत ने समन जारी कर दिया था. 24 मई को सीबीआई ने बादामी देवी को मृत घोषित करते हुए अदालत में रिपोर्ट पेश कर दी थी. वहीं, बादामी देवी ने अदालत को बताया कि उनसे किसी ने संपर्क नहीं साधा लेकिन जब उन्हें उनके मृत घोषित किए जाने की खबर मिली तो वह सीधे अदालत चली आईं. राजीव रंजन हत्याकांड की सनवाई सिवान के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम पुनीत गर्ग की विशेष एमपी/एमएलए अदालत में चल रही है.
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड को लेकर सीबीआई ने पूर्व दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से भी पूछताछ की थी. शहाबुद्दीन ने दावा किया था कि वारदात के वक्त वह जेल में थे. फिलहाल गवाह को मृत घोषित करने को लेकर सीबीआई की जांच शक के घेरे में आ गई है और उस पर साजिश करने का आरोप लग रहा है.
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