पटना: एलजेपी के इकलौते विधायक ने मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का दामन थाम लिया. जेडीयू में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि मैं एनडीए का पार्ट था, लेकिन मेरी पार्टी एलजेपी की जो नीतियां थीं, वह बिल्कुल स्पष्ट नहीं थीं. एनडीए की विचारधारा से मेरी विचारधारा मेल खा रही थी, इसलिए मैं जेडीयू में आ गया.
चिराग से नहीं मिलती है मेरी सोच
राजकुमार सिंह ने कहा कि चिराग पासवान से मेरा कभी लगाव नहीं रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा से मेरे आदर्श रहे हैं. चिराग पासवान मुख्यमंत्री के बारे में क्या कहते हैं, ये उनकी सोच हो सकती है. लेकिन मेरी सोच उनसे बिल्कुल नहीं मिलती है.
उन्होंने कहा, " बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी के पास जीतने का कोई प्लान नहीं था. मेरी और चिराग पासवान की सैद्धांतिक मतभेद भी इसी कारण से थी, क्योंकि मैं जीतने के लिए चुनाव लड़ रहा था. मैं एलजेपी में था जरूर, लेकिन वो मुझे अपना नहीं मानते थे. उन्होंने मुझसे स्पष्टीकरण मांगा था, आज पार्टी के लिए मेरा यही स्पष्टीकरण है."
मंत्री अशोक चौधरी ने कही ये बात
इधर, राजकुमार सिंह के जेडीयू में शामिल होने के बाद बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, " राजकुमार जी स्कूल के समय से मेरे मित्र रहे हैं. मैट्रिक की परीक्षा हमने साथ दी है और दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने पढ़ाई की है. उनका व्यक्तित्व बहुत अच्छा है. 2015 में जब मैं कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था, उस समय भी उन्होंने टिकट के लिए प्रयास किया था, लेकिन टिकट नहीं दे पाया था."
वहीं, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने राजकुमार सिंह के जेडीयू में आने पर कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में आस्था व्यक्त किया है और विकास के कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए जेडीयू में आए हैं. एलजेपी परिवार की पार्टी है, वहां किसी की नहीं चलती है. जेडीयू कार्यकर्ताओं की पार्टी है. उन्होंने पार्टी के नीति और सिद्धांत पर विश्वास करके जेडीयू ज्वाइन किया है.
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