पटना में मनाई जाएगी रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि, पारस ने खुद जाकर नेताओं को दिया न्योता
चुनाव आयोग द्वारा एलजेपी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने के संबंध में पारस ने कहा कि आयोग के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. हम बिहार में उपचुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं.
पटना: केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (LJP) के संस्थापक राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पहली पुण्यतिथि पटना स्थित एलजेपी कार्यालय में मनाई जाएगी. 8 अक्टूबर को कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए पशुपति पारस (Pashupati Paras) खुद से नेताओं को आमंत्रण देने पहुंच रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने बताया, " हमारे बड़े भाई रामविलास पासवान की प्रथम पुण्यतिथि को इसी कार्यालय में मनाया जाएगा. साल 1969 से मरने तक देश की राजनीति में उन्होंने सक्रिय योगदान दिया."
रामविलास पासवान ने किए कई काम
पारस ने कहा, " जो विभाग उन्हें दिया गया, उन्होंने उसे चमकाने का काम किया. हजारों लोगों को सरकारी नौकरी दी. जब वे वेलफेयर मिनिस्टर थे, तब मंडल कमीशन लागू हुआ उसमें भी उनका योगदान रहा. पार्टी की संविधान को लेकर वो हर दिन कहा करते थे कि जो शोषित और पिछड़े हैं, उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए. वहीं, पार्टी संविधान में उन्होंने लिखा कि ऊंची जाति के जो गरीब लोग हैं, उन्हें भी आरक्षण मिलना चाहिए."
पारस ने सरकार से की चार मांग
पारस ने रामविलास की पुण्यतिथि को लेकर सरकार से मांग की, कि पटना स्थित एलजेपी दफ्तर राष्ट्रीय स्मारक घोषित हो. साथ ही उनकी पुण्यतिथि पर सरकारी अवकाश की घोषणा हो. हाजीपुर में उनकी आदमकद प्रतिमा लगे. साथ ही पद्मभूषण से सम्मानित रामविलास को मरणोपरांत भारतरत्न से नवाजा जाए. उन्होंने बताया, " जितनी भी पार्टी के लोग हैं, वो सभी कार्यक्रम में सम्मिलित हों, इसके लिए मैंने खुद जाकर उन्हें आमंत्रित किया है."
वहीं, चुनाव आयोग द्वारा एलजेपी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने के संबंध में उन्होंने कहा कि आयोग के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. हम बिहार में उपचुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. हम एनडीए का समर्थन करते हैं. आयोग ने मेरी पार्टी के चुनाव चिन्ह फ्रीज किया है. लेकिन चिराग समझे कि उनकी पार्टी और चुनाव चिन्ह का नाम क्या होगा.
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