पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान का श्राद्ध कार्यक्रम आज खगड़िया जिले में उनके पैतृक गांव में सम्पन्न किया जाएगा. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने रविवार को बताया कि शहरबनी गांव में श्राद्ध कार्यक्रम में उनके गांव और पड़ोसी गांवों के लोग शामिल होंगे.


प्रधानमंत्री समेत सभी करीबियों को भेजा गया है आमंत्रण


उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर को श्राद्ध कार्यक्रम पटना में किया जाएगा, जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और राम विलास पासवान के परिचित अन्य लोगों को निमंत्रण भेजा गया है. पटना में मंगलवार के समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और अन्य राजनीतिक नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है.


लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विपक्षी महागठबंधन में शामिल राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेताओं सहित अन्य दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है.


दिल्ली के एक अस्पताल में हुआ था निधन


उन्होंने कहा, "यहां तक कि जो वर्तमान में सांसद नहीं है, उन्हें भी आमंत्रित किया गया है. जनअधिकार पार्टी के संस्थापक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और अन्य परिचितों को आमंत्रित किया गया है." दिवंगत नेता के 37 वर्षीय पुत्र ने कहा, "यह एक भावुक क्षण है, इसलिए पिता जी के प्रिय हर व्यक्ति को निमंत्रण दिया गया है." मालूम हो कि 74 वर्षीय राम विलास पासवान का आठ अक्टूबर को दिल्ली के एस्कॉर्ट्स अस्पताल में निधन हो गया था. वह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री थे.


बात दें कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ 10 अक्टूबर को पटना में गंगा नदी के तट पर जनार्दन घाट पर किया गया था. बिहार के खगड़िया जिले में रामविलास पासवान का जन्म पांच जुलाई 1946 को एक दलित परिवार में हुआ था.


1969 में शुरू की राजनीतिक सफर


रामविलास ने कोसी कॉलेज, खगड़िया और पटना विश्वविद्यालय से विधि ग्रेजुएशन, और कला संकाय में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था. वह 1969 में बिहार पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक के रूप में चयनित किए गए थे, लेकिन वह इस सेवा में शामिल नहीं हुए और इसके बजाय राजनीति में उतर गए.


वह 1969 में खगड़िया की अलौली विधानसभा सीट से संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए. 1977 में हाजीपुर लोकसभा सीट से भारी जीत के बाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए थे. उन्होंने आठ बार संसद में हाजीपुर सीट का प्रतिनिधित्व किया.


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