पटना: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के मुद्दे पर खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. इस मामले में अब वीएचपी (VHP) ने भी एंट्री मार दी है. वीएचपी ने आरजेडी (RJD) सहित कई दलों के पंजीकरण रद्द करने को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) से समय मांगा है. वहीं, इसको लेकर आरजेडी (RJD) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि वीएचपी को जहां भी जाना है जाए. यह देश संविधान के कानून से चलेगा. वीएचपी के नियम से नहीं चलेगा. रामचरितमानस को वीएचपी राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाए. रामचरितमानस पर किसी का कॉपी राइट नहीं हो सकता है.
'वीएचपी विवादों और सवालों के घेरे में रहने वाला संगठन है'
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भगवान राम कण-कण और रोम-रोम में व्याप्त हैं. आरजेडी सभी धर्मों और धर्मग्रंथो का सम्मान करती है. यही धर्मनिरपेक्षता भारत की आत्मा है. इसे कोई कमजोर नहीं कर सकता है. वीएचपी खुद विवादों और सवालों के घेरे में रहने वाला संगठन है. दूसरों को ज्ञान नहीं दे. बता दें कि शिक्षा मंत्री व आरजेडी नेता प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने और समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था. यह भी कहा था कि यह दलित, पिछड़ों को पढ़ने, आगे बढ़ने से रोकता है. इसके बाद से इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है.
राजनैतिक दलों पर हो कार्रवाई- वीएचपी
बता दें कि विश्व हिंदू परिषद ने समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध करने के लिए भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने के लिए समय मांगा है. वीएचपी ने रामचरितमानस पर उनके नेताओं की टिप्पणी के संबंध में सीईसी से मिलने की अनुमति मांगी है. वहीं, वीएचपी ने कहा है कि इससे संबंधित जितने भी राजनैतिक दल हैं और राजनैतिक व्यक्ति हैं चुनाव आयोग उन पर सख्त कार्रवाई करे. ये हम चुनाव आयोग से मांग करते हैं.
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