Ramvilas Paswan Jayanti: DSP और MLA दोनों का था मौका... रामविलास ने राजनीति को चुना, आज चिराग करेंगे ये काम
Ramvilas Paswan Birthday: 74 की उम्र में रामविलास पासवान का दिल्ली में निधन हुआ था. 1969 में उनका चयन डीएसपी में हुआ था. इसी साल वो विधायक का चुनाव भी जीते थे.
पटनाः बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) का 5 जुलाई 1946 को जन्म हुआ था. 74 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली में अंतिम सांस ली थी. देश के लोगों रामविलास पासवान का नाम 1977 के चुनाव के बाद सुना. क्योंकि वो ऐसे नेता थे जिन्होंने बिहार की एक सीट पर इतने अंतर से चुनाव जीता कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया. रामविलास पासवान ने जनता पार्टी के टिकट हाजीपुर की सीट से कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार को सवा चार लाख वोट से हराया था और लोकसभा में पैर रखा था. इसके आठ साल पहले यानी 1969 में ही वो विधायक का चुनाव जीत चुके थे.
मौसम वैज्ञानिक कहे जाते थे रामविलास पासवान
रामविलास पासवान एक ऐसे नेता थे जिन्हें मौसम वैज्ञानिक कहा जाता था. आज भी इस नाम से लोग जानते हैं उन्हें. रामविलास पासवान ने अपने भाई पशुपति कुमार पारस और राम चंद्र पासवान को राजनीति में लाया था. वहीं दूसरी ओर वंशवादी की बात भी सामने आने लगी थी. 2019 में लोकसभा में जिन छह सीटों पर एलजेपी की जीत दर्ज हुई उसमें से तीन सीट पर परिवार का कब्जा था. जीतने वालों में बेटे चिराग पासवान, भाई पशुपति कुमार पारस और राम चंद्र पासवान परिवार के ही थे.
1969 मे मेरा DSP मे और MLA दोनो मे एक साथ चयन हुआ।तब मेरे एक मित्र नेपूछा कि बताओ Govt बनना है या Servant ?बस तभी मैंने राजनीति ज्वाइन कर ली
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) March 26, 2016
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चिराग पासवान आज करेंगे प्रतिमा का अनावरण
रामविलास पासवान के बेटे और जमुई से सांसद चिराग पासवान आज अपने पिता का जन्मदिन हाजीपुर में मनाएंगे. चिराग पासवान पिता के आदमकद प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इस मौके पर पक्ष विपक्ष के कई नेता मौजूद रहेंगे. सोमवार को चिराग ने जाकर हाजीपुर में निरीक्षण भी किया था. इस दौरान चिराग पासवान ने बताया था कि पांच जुलाई को हाजीपुर में रामविलास पासवान की पहली मूर्ति का अनावरण होगा.
आज चाचा-भतीजे में मची रेहगी होड़
रामविलास पासवान के निधन के बाद से चाचा-भतीजे (चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस) में विवाद जारी है. आज चाचा-भतीजे में खुद को उनका असली राजनीतिक उत्तराधिकारी साबित करने की होड़ मची रहेगी. एक तरफ आज चिराग पासवान प्रतिमा का अनावरण करेंगे तो दूसरी ओर पशुपति पारस भी पटना पहुंच चुके हैं. उनकी ओर से भी आज कार्यक्रम होगा.