हाजीपुर: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती (Ramvilas Paswan Jayanti) के मौके पर उनकी प्रतिमा के अनावरण में भाग लेने हाजीपुर पहुंचे. इस दौरान उन्हें गरीबों, दलितों, पिछड़ों के प्रखर स्वर बताते हुए कहा कि ऐसे महापुरुष धरती पर कभी कभार ही आते हैं. सहनी ने रामविलास पासवान को राजनीति का एक ग्रंथ बताया और कहा कि उनके जीवन को अगर देखा जाए तो उनकी जीवनी ही एक ग्रंथ है जिससे ज्ञान लिया जा सकता है. उन्होंने रामविलास पासवान को अपना आदर्श बताया.


हाजीपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होकर मैं भी खुद को भाग्यशाली मान रहा हूं. उन्होंने यह मौका दिए जाने के लिए रामविलास पासवान के पुत्र और एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को भी धन्यवाद दिया. इस दौरान सहनी ने बड़ी बात भी कही. उन्होंने कहा कि आज राजनीति की बात नहीं होनी चाहिए, लेकिन जिस तरह से दिल्ली में चिराग पासवान को सरकारी आवास से निकाला गया और रामविलास जी की तस्वीर को फेंका गया उससे हर कोई मर्माहत हुआ है.



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बदल जाती बिहार की तस्वीर


इस मौके पर वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि रामविलास का असमय जाना बिहार के लिए बड़ी क्षति रही. यह दुर्भाग्य रहा कि केंद्र में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने वाले रामविलास को कभी बिहार का मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिला. अगर यह मौका मिल जाता तो आज बिहार की तस्वीर बदली रहती.


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