Bihar Corona Update: बिहार में कोरोना ने तोड़े इस साल के सारे रिकॉर्ड, राजधानी पटना में सबसे ज्यादा बुरा हाल
बिहार में बीते 24 घंटे के दौरान 1,911 नए पॉजिटिव मामले मिले हैं. इनमें अकेले पटना जिले में 743 मामले हैं. राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 7,504 हो गई है.
पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. राज्य में एक सप्ताह से एक दिन में मिलने वाले मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. बिहार में गुरुवार को 1,911 नए मामले सामने आए हैं जो इस साल में एक दिन में सबसे अधिक है. नए संक्रमितों के मिलने के साथ ही राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 7,000 को पार कर चुकी है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में बीते 24 घंटे के दौरान 1,911 नए पॉजिटिव मामले मिले हैं. इनमें अकेले पटना जिले में 743 मामले हैं. इसके अलावा गया में 201, भागलपुर में 145, मुजफ्फरपुर में 93, मुंगेर में 61, बेगूसराय में 56, सारण में 38, नालंदा में 33, पूर्णिया में 31 और पश्चिम चंपारण में 25 नए संक्रमित मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बीते 24 घंटे में 328 संक्रमित स्वस्थ भी हुए हैं. इसके साथ राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 7,504 हो गई है.
अब तक कोरोना के कुल 2.73 लाख मामले सामने आए हैं
राज्य में अब तक कोरोना के कुल 2.73 लाख मामले सामने आए हैं, जिसमें से अब तक 2.64 लाख संक्रमित संक्रमणमुक्त हो चुके हैं. इस दौरान संक्रमण की वजह से राज्य में 1,595 लोगों की जान भी जा चुकी है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गुरुवार को पूरे राज्य में 89,704 कोरोना वायरस की जांच की गई. पिछले साल मार्च से लेकर अबतक राज्य में 2.42 करोड़ से ज्यादा जांच की जा चुकी हैं, जिनमें अब तक 2,73,830 कोरोना पॉजिटिव मामले मिले हैं.
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहारवासियों के नाम खुला पत्र लिखकर कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने की अपील की है. नीतीश कुमार ने पत्र में लिखा है कि एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों को सुरक्षित रखने की सरकार की चिंता बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर अब तक हमलोगों ने मजबूती से लड़ाई लड़ी है. मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, "कोरोना महामारी एक आपदा है और हमने हमेशा कहा है कि सरकार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक है. सरकार ने संक्रमण से बचाव और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अब तक 10,000 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किए गए हैं."
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