पटना: भाजपा को विधानसभा चुनाव-2023 (Assembly Election Result 2023) में मिली प्रचंड जीत के बाद भाजपाइयों में उत्साह देखने को मिल रहा है. कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय पर जमकर जश्न मना रहे हैं. वहीं पार्टी के दिग्गज नेताओं ने भी इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को दिया है. इसके साथ ही NDA में शामिल पार्टी नेताओं ने भी इसकी खुशी जाहिर की हैं. वहीं BJP में शामिल हुए आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने भी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि, नीतीश बाबू के आस-पास जितने लोग हैं वो नीतीश बाबू को भी कहीं का नहीं छोड़ेंगे. 


भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि, जेडीयू पार्टी मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ती है और 43 वोट आता है. उनका एक प्रवक्ता बोल रहा है कि अगर नीतीश बाबू को इज्जत दिया होता तो कांग्रेस की ये हालत नहीं होती. ऐसे में जो 43 वोट जेडीयू को आया वो उनको मिलता. मैंने पहले भी कहा है कि बिहार में स्थिति ये है कि जनता दल यूनाटेड पार्टी की नैया डूब चुकी है. नीतीश बाबू जब एनडीए में थे. तब उनके साथ हम लोग थे. उस समय नीतीश बाबू का स्वास्थ्य भी अच्छा था और काम भी बढ़िया कर रहे थे. जब से हम लोग छोड़े हैं और जिस तरह के लोग उनको घेरे हुए हैं उनकी तबीयत भी ठीक नहीं रहती है और बिहार काम के मामले में भी फिसड्डी हो गया है. 


'अवैध शराब कारोबारी को हो रहा फायदा'


उन्होंने कहा कि, ये समझिए कि उनके आस-पास जितने लोग हैं वो नीतीश बाबू को भी कहीं का नहीं छोड़ेंगे. वहीं जीतन राम मांझी के शराबबंदी वाले बयान पर उन्होंने कहा कि, हम बराबर बोल रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है. राजस्व का तो नुकसान हो ही रहा है,. इसके साथ ही जितने गरीब लोग हैं, लाखों की संख्या में उनपर मुकदमे दर्ज हैं. इसमें फायदा किसको हुआ है? जब अवैध शराब की बिक्री हो रही है तो अवैध शराब के जो कारोबारी हैं उनको ही फायदा हो रहा है. इससे तो राज्य का भी नुकसान हुआ और राजस्व का भी नुकसान हुआ है. इससे किसी का भला नहीं हुआ है.


'गुजरात का कानून लाएंगे या वापस लेंगे शराबबंदी कानून'


दरअसल, जीतन राम मांझी ने शनिवार (2 दिसंबर) को बड़ी घोषणा करते हुए कहा था कि, बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह असफल है. अगर हमारी (NDA) सरकार आई तो गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कानून लाया जाएगा या इसे वापस ले लिया जाएगा. शराबबंदी कानून के तहत जितने लोग जेल में बंद हैं, उसमे अधिकांश दलित और गरीब हैं. सरकार ने पकड़े जाने पर जुर्माना देने का प्रावधान किया है, लेकिन प्रतिदिन 400-500 रुपए कमाने वाले 2,000 और 3,000 कहां से देगा. इसी वजह से वह जेल चला जाता है.' उन्होंने कहा, 'बिहार का शराबबंदी कानून कहीं से सही ही नहीं है. जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है. वहां आखिर क्या हो रहा है.


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