RCP Singh News: बिहार में बीते बुधवार (26 फरवरी) को नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार किया गया, जिसमें बीजेपी के 7 विधायकों को मंत्री बनाया गया है. इसमें एक भी दलित शामिल नहीं हैं. इस पर बिहार में अब राजनीति गर्म है. नीतीश कुमार और बीजेपी पर विपक्ष से लेकर एनडीए के पुराने साथी तक नाराज हैं. उन्हीं में से एक हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh), जो दलित नाइंसाफी को लेकर लगातार बिहार एनडीए पर हमलावर हैं. 


मंत्रिमंडल विस्तार पर आरसीपी सिंह ने क्या कहा?


आरसीपी सिंह शुक्रवार को एक बार फिर पोस्ट कर लिखा, "मंत्रिमंडल विस्तार... नीतीश बाबू ने हम (S) पार्टी के एकमात्र मंत्री डॉ. संतोष सुमन से दो विभाग लेकर भाजपा के दो मंत्रियों के बीच उसे बांट दिया. पिछड़ा समाज के कुर्मी कोटे के मंत्री कृष्ण कुमार मंटू को सूचना प्रावैधिकी विभाग तथा अतिपिछड़ा समाज के कोटे के केवट समाज से आने वाले मंत्री विजय मंडल को आपदा प्रबन्धन विभाग दे दिया".






आरसीपी सिंह ने आगे लिखा है कि "यह कैसा फेरबदल है नीतीश बाबू? महादलित समाज से आने वाले मंत्री से पद लेकर उसे पिछड़ा (कुर्मी, कृष्ण कुमार मंटू) एवं अतिपिछड़ा (केवट, विजय मंडल ) में बांटना Social engineering का कैसा मॉडल है. आप ही समझें !! यह अच्छा नहीं लगा".


बीजेपी के सात विधायकों को बनाया गया मंत्री


बता दें कि इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट कर लिखा था, "थोड़ी और उदारता से पूरे समाज में एक अच्छा संदेश जाता और समावेशी समाज के निर्माण की जड़ें मजबूत होतीं." ये बातें आरसीपी सिंह ने तब कही, जब बिहार में बीजेपी के सात विधायकों को मंत्री बनाया गया है. उनमें दो मंत्रियों को जो विभाग मिला है, वो पहले संतोष सुमन के पास था, जो अब उनसे छिन चुका है. 


मंत्री बनने वाले विधायकों में जाले से जीवेश मिश्रा, दरभंगा से विधायक संजय सरावगी, सिकटी से विजय कुमार मंडल, बिहारशरीफ से सुनील कुमार, साहेबगंज से राजू कुमार सिंह, रीगा से मोतीलाल प्रसाद और अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू शामिल हैं. 


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