पटना: केंद्रीय इस्‍पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh Resigns) ने केंद्रीय मंत्री के पद से बुधवार को इस्‍तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद उन्‍होंने इस्‍तीफा दिया. दरअसल, राज्‍यसभा सदस्‍य के रूप में आरसीपी सिंह के कार्यकाल का कल सात जुलाई को आखिरी दिन था. 


दरअसल, आरसीपी सिंह जेडीयू कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री थे. जेडीयू ने उन्‍हें अगले कार्यकाल के लिए राज्‍यसभा नहीं भेजा था. ऐसे में उनके इस्‍तीफे को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि बुधवार को उनके इस्‍तीफे के बाद इस तरह की कयासबाजी पर विराम लग गया है. लेकिन, उनकी नई भूमिका को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि खुद आरसीपी सिंह ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है. 


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कुशवाहा ने कहा था- देर नहीं करनी चाहिए 


राज्‍यसभा नहीं भेजे जाने के बाद से ही आरसीपी सिंह के अगले कदम को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही थी. राज्‍यसभा टिकट काटे जाने के कुछ दिन बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि आरसीपी सिंह को नैतिकता के आधार पर अपना पद छोड़ देना चाहिए. उन्‍होंने कहा था कि जब तक कोई व्‍यक्ति संसद सदस्‍य रहता है तब तक मंत्री रह सकता है. अगर संसद की सदस्‍यता नहीं है तो नैत‍िकता के आधार पर इस्‍तीफा देने में देर नहीं करनी चाहिए. 


दो बार राज्‍यसभा सदस्‍य रह चुके हैं आरसीपी सिंह 


यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह को जेडीयू ने दो बार राज्‍यसभा भेजा. पहली बार साल 2010 में और दूसरी बार 2016 में. इसबीच उन्‍हें जेडीयू कोटे से केंद्र में इस्‍पात मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन उनके राज्‍यसभा का कार्यकाल सात जुलाई को खत्‍म हो रहा था. इससे एक दिन पहले उन्‍होंने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया. बता दें कि आरसीपी सिंह जेडीयू के राष्‍ट्रीय महासचिव और राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं. 


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