'तांडव' विवाद पर बोले आरसीपी सिंह- किसी के पास किसी को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं
तांडव वेब सीरीज को लेकर जारी विवाद के संबंध में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान ने सबको उनका धर्म मानने और पूजने का अधिकार दिया है. किसी को भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है.
पटना: देशभर में 'तांडव' वेब सीरीज को लेकर जारी विवाद के बीच मंगलवार को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने भी तांडव वेब सीरीज को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश के संविधान में समाज के सभी वर्गों को उनका धर्म मानने और पूजने का अधिकार है. किसी को यह अधिकार नहीं है कि वो किसी की धार्मिक मान्यता को ठेस पहुंचाए. समाज में विद्वेष नहीं फैलना चाहिए.
इंटर कास्ट मैरेज को लेकर भी उन्होंने अपनी राय साझा की है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में इंटर कास्ट मैरेज होता रहा है. जातीवादी सोच दसवीं सदी की सोच है. स्कूल कॉलेज में जाइये तो कोई भेदभाव नहीं है.
राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट का फैसला
राम मंदिर निर्माण को लेकर राज्यसभा सांसाद ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है. इसपर अब कोई विवाद नहीं करना चाहिए. बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में चंदा जुटाने का काम किया जा रहा है. ऐसे में मंदिर निर्माण के लिए सबसे पहला चंदा देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पांच लाख रुपये के चेक के रूप में दिया था.
किसी की भी हत्या है दुखद
वहीं, चर्चित रूपश हत्याकांड को लेकर सवाल पूछे जाने पर आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अपनी सरकार का बचाव करते नजर आए. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार इस मामले को देख रहे हैं. किसी की हत्या दुखद है. यह नहीं होना चाहिए. बिहार में क्राइम राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. सुधार पर काम हो रहे हैं. हमलोग पुलिस कर्मी पर भरोसा करते हैं. बिहार में हर मामले का उद्भेदन हुआ है. इस मामले पर भी पुलिस काम कर रही है.
तेजस्वी यादव पर साधा निशाना
बीते दिनों तेजस्वी यादव द्वारा सीएम नीतीश को लिखी गयी चिट्ठी पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव अपने माता-पिता के कार्यकाल को देखें, कितने नरसंहार हुए. अब यह सब कैसेट बजाना बन्द करना चाहिए. उन्होंने यहां तक कहा कि तेजस्वी यादव के पास बोर्ड की डिग्री नहीं तो उनकी चिट्टी कौन लिख रहा है? किससे चिट्ठी लिखवा रहें हैं? यदि उन्हें कुछ देना है तो वे बिहार में विकास को लेकर सुझाव दें. हमारी सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी.
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