स्ट्रेचर नहीं मिला तो मरीज को बोरे पर सुला कर जांच के लिए ले गए परिजन, अस्तपाल प्रबंधक ने कही ये बात
गंभीर हालत में अस्पताल पहुंची महिला को चिकित्सकों ने सीटी स्कैन कराने की सलाह दी.ओपीडी लेकर जाने के लिए जब परिजनों ने स्ट्रेचर की मांग की तो स्वास्थ्यकर्मियों ने पल्ला झाड़ लिया.
आरा: बिहार के भोजपुर जिला स्थित आरा सदर अस्पताल अपने कारनामों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहता है. ताजा मामला सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का है, जहां स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण शुक्रवार को परिजन मरीज को बोरे पर रखकर ओपीडी स्थित सीटी स्कैन सेंटर से इमरजेंसी वार्ड में लाते और लेकर जाते नजर आए. मिली जानकारी अनुसार इमादपुर थाना क्षेत्र के बिहटा गांव निवासी स्वर्गीय विश्वनाथ पंडित की 80 वर्षीय पत्नी फूलझारो कुंवर इलाज के कराने के लिए अस्पताल आई थी.
महिला का हो गया था ब्रेन हेमरेज
बुजुर्ग महिला के बेटे की मानें तो शुक्रवार की सुबह वो घर में ही फिसल कर गिर गई थीं, जिसके बाद उन्हें आनन फानन इलाज के लिए तरारी रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया. ऐसे में परिजन उन्हें आरा सदर अस्पताल लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें देखकर सीटी स्कैन कराने की सलाह दी. लेकिन जब सिटी स्कैन सेंटर ले जाने के लिए उन्होंने इमरजेंसी वार्ड के स्वास्थ्य कर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की तो उन्होंने बताया कि एक स्टेचर पोस्टमार्टम रूम में गया है और एक वार्ड में गया है.
जानकारी अनुसार इमरजेंसी वार्ड में सिर्फ दो ही स्टेचर थे. ऐसे में मजबूरन महिला के परिजन उसे बोरे पर रखकर सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित सिटी स्कैन सेंटर ले गए. उसके बाद उन्हें सीटी स्कैन सेंटर से वापस इमरजेंसी वार्ड भी उसी तरह लाया गया. इस संबंध में जब अस्पताल प्रबंधक कौशल किशोर दुबे से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बीमार फुलझारो कुंवर के परिजन उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लेकर आये थे. उसके बाद उन्होंने अस्पताल कर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की.
अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी नहीं
अस्पताल कर्मियों द्वारा कहा गया कि कुछ समय इंतजार कर लीजिए, स्ट्रेचर आ रहा है. लेकिन, परिजन बिना इंतजार किए ही फौरन अपने मरीज को सीटी स्कैन सेंटर ले गए और उसके बाद वापस उन्हें इमरजेंसी वार्ड में ले आए. वहीं, दूसरी ओर उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी नहीं है.
गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नहीं है. सदर अस्पताल के हर विभाग में स्ट्रेचर की कमियां बराबर देखी जाती हैं, जिस कारण कई बार मरीज के परिजनों ने सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य वार्डों में जमकर बवाल भी काटा है. बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन की ओर से परेशानी दूर नहीं की जाती है.
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