Bihar News: 'मुख्यमंत्री होता किस लिए है'? बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री भेजने के बाद कांग्रेस नेता का सीएम पर निशाना
Akhilesh Singh: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पटना के सदाकत आश्रम से बाढ़ राहत सामग्री ले जाने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाई, कहा कांग्रेस मुकदर्शक बन कर रहने वाली पार्टी नहीं है.
Congress Sent Relief Material To Flood Victim: बिहार में कांग्रेस की ओर से शुक्रवार (4 अक्टूबर) को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से बाढ़ प्रभावित जिलों के लोगों की मदद के लिए राहत सामग्री की खेप भेजी. इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद रहे. सदाकत आश्रम से बाढ़ राहत सामग्री ले जाने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर उन्होंने गाड़ी को रवाना किया. अखिलेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से बाढ़ प्रभावित जिलों के लोगों की मदद के लिए राहत सामग्री भेजी गई है, जो पीड़ितों के बीच बांटी जाएगी. कांग्रेस मूकदर्शक बन कर रहने वाली पार्टी नहीं है.
'सरकार को 'प्रो एक्टिव' होना चाहिए'
इस दौरान एक सवाल के जवाब उन्होंने कहा कि, "हमारा आग्रह है कि सरकार को 'प्रो एक्टिव' होकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए. यहां डबल इंजन की सरकार है जिसका हवाला देकर जनता से वोट लिए जाते हैं लेकिन अब क्या हो गया? वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री होता किस लिए है? मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य है जिससे वो बच नहीं सकते हैं. अखिलेश सिंह ने आगे कहा कि अगर आपदा के समय में भी नीतीश कुमार काम नहीं करेंगे तो वे किस बात के लिए मुख्यमंत्री हैं?
#WATCH पटना, बिहार: कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, "...हमारा आग्रह है कि सरकार को 'प्रो एक्टिव' होकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। यहां डबल इंजन की सरकार है जिसका हवाला देकर जनता से वोट लिए जाते हैं लेकिन अब क्या हो गया?..."
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 4, 2024
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बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में
बता दें कि नेपाल में अत्यधिक बारिश के कारण कोसी और गंडक नदियां उफान पर हैं. वीरपुर और गंडक बैराज से अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण बिहार की अधिकांश नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा, कटिहार और खगड़िया की करीब 11.84 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. सरकार तमाम जिलों के लिए राहत पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है.
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