पटना: कोरोना से पूरा बिहार त्राहिमाम कर रहा है. राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग भले ही स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रही हो लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाफी साबित हो रही है. राज्य में कोरोना की स्थिति दिन पर दिन बदतर होती जा रही है. विपक्ष लगातार सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठा रही है. इसी क्रम में बुधवार को बिहार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव और वर्तमान में रेरा (RERA) के चेयरमैन अफजल अमानुल्लाह ने बिहार सरकार की पोल खोल दी है. अमानुल्लाह बिहार सरकार के कोरोना की रोकथाम के दौरान लचर प्रशासनिक व्यवस्था से दुखी हैं.
अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि "इस महामारी का प्रभाव पूरे बिहार में है. यहां हर घर इससे या तो प्रभावित है या आतंकित है. लोगों के बीच इसको लेकर दहशत है. उन्हें डर है कि वो इस विषय को लेकर कहां जाएं? किससे सलाह लें? कैसे बचें? अगर कुछ हो गया तो कैसे ठीक करें? उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था खराब है और जनवरी से अबतक कोई खास काम नहीं हुआ है. लेकिन आज से बिहार में हमें एक नया आयाम स्थापित करना है कि कैसे महामारी की रोकथाम हो, कैसे लोगों की जान बचे, और जो दहशत है कैसे दूर हो. लोगों को पता चले कैसे क्या हो रहा है."
सबसे पहले लोगो को सच बताएं
उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि "हर दिन स्वास्थ्य विभाग के अच्छे अधिकारी मीडिया के सामने आए और लोगों सभी स्थिति से अवगत कराएं कि क्या स्थिति है और राहत कैसे पहुंचाई जा सकती है. आप अखबार, टीवी के माध्यम से लोगों को बताएं की लोगों को अगर बुखार है तो ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए, बुखार के साथ खांसी है या गले में दर्द है तो उन्हें क्या करना चाहिए, इन सब के बावजूद सांस लेने में तकलीफ है तो क्या करें. इन सभी चीजों के बारे में आप बताएं. गर्म नींबू पानी दिन में तीन से चार बार लेने, भांफ लेने से इम्युनिटी कैसे बढ़ सकता है इसका एक चार्ट तैयार कर अखबार या टीवी के माध्यम से प्रसारित करें."
डॉक्टरों को इस बात की दें ट्रेनिंग
अफजल अमानुल्लाह के कहा कि "हर जिले में दस से पंद्रह डॉक्टर को चिन्हित करें और उन्हें एक दिन का ट्रेनिंग दे और वो सिर्फ यही काम करें कि फोन के माध्यम से जिले के सभी लोगों के समस्या सुने और उन्हें निर्देश दें. ऐसे में 80 से 90 प्रतिशत लोग खुद ठीक हो सकते हैं. ऐसा कर आप सभी डॉक्टरों के नम्बर सार्वजनिक करें. यह करने से बहुत कम लोग होंगे जिन्हें अस्पताल आने की जरूरत होगी. पटना जिला में आप 30 बांकी में 10 डॉक्टर रखें. इन डॉक्टरों को आप एक्स्ट्रा 15 से 20 हजार रुपये दें."
पटना में बन सकता है 20 हजार के बेड का अस्पताल
उन्होंने कहा कि " राज्य में कोविड टेस्टिंग की संख्या बढ़ानी होगी, जिलों में प्रतिदिन हजार से अधिक टेस्ट हो, पटना में प्रतिदिन 50 हजार टेस्ट हो. आपके पास कई राज्यों के उदाहरण है जहां तीन दिन में एल्मुनियम और बांस लगा कर हजारों की संख्या में बेड तैयार किए गए हैं. आपके पास गांधी मैदान है वहां आप 5 हजार बेड लगा सकते हैं जो एक सप्ताह में तैयार हो जाएगा. फिर बीएमपी, राजेन्द्र नगर स्टेडियम, कंकड़बाग स्टेडियम है. वैसे ही हर जिले में आपके पास स्टेडियम उपलब्ध हैं, आप हर जिले में हजार बेड बनाएं, यहां राजधानी में तो आप 20 हजार बेड का अस्पताल बना सकते हैं."
आप पहले अपना वादा पूरा कीजिये
उन्होंने कहा कि "केजरीवाल ने दिल्ली में क्या किया? आप हल्ला करेंगे तो केंद्र भी पैसा देगी और क्यों नहीं देगी और केंद्र ऐसे चीजों के लिए खूब पैसा देती है. हम स्वास्थ्य विभाग में बहुत काम कर चुके हैं. डॉक्टर से लेकर नर्स तक कमिटेड हैं और सभी अच्छा काम करते हैं. आप डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टॉफ को समय पर मासिक वेतन दें. आपने तो सबको एक्स्ट्रा पैसा और ईनाम देने का वादा किया था तो क्यों नहीं दिया. पैसा देंगे तो सभी दिल से काम करेंगे. पैसे नहीं तो कम से कम आप उन्हें सुविधा तो दें, आप उनसे काम लीजिए तभी वो अच्छा काम करेंगे. आप उन्हें मास्क और ग्लब्स नही देंगे तो ऐसे में वो कैसे काम करेंगे? कोई जाकर अपना जान नहीं देगा."
एक सप्ताह में हो सकती है सारी तैयारी
उन्होंने कहा कि "6 महीने बीत गए पैसे की कोई कमी नहीं है. केंद्र और राज्य दोनों के पास पैसा है पर खरीदारी क्यों नहीं हो रहा? व्यवस्था क्यों नही हो रहा? इन सभी चीजों की जिम्मेदारी किसी को लेनी होगी. सारी तैयारी आप एक सप्ताह में कर सकते हैं. प्लाज्मा डोनेशन सफल है. ऐसे में में आपको लोगों को पैसा देना होगा 5 हजार रुपए, लोग खुद आएंगे प्लाज्मा डोनेट करने. उन्हें बताएं की खून देने से ज्यादा आसान है प्लाज्मा डोनेशन. खून आपके शरीर में ही रहेगा बस प्लाज्मा निकाला जाएगा."
अधिकारियों को देनी चाहिए सही एडवाइस
उन्होंने कहा कि "सब हो सकता पर सभी को मिलकर करना होगा. आला अधिकारियों और मंत्रियों को आपस में बातचीत करनी चाहिए और सही एडवाइस देनी चाहिए. आज जो एडमिनिस्ट्रेशन को पैरालाइसिस हो गया है क्योंकि ऑफिसर मंत्री को और मुख्यमंत्री को सही जानकारी नहीं देते हैं. आप अधिकारी हैं जबतक आप एडवाइस नहीं देंगे कैसे होगा पर यहां तो अधिकारी ही दूसरा क्या कर रहा है देखने में व्यस्त है. कोई पॉलिटिशियन नहीं है जो बात नहीं सुने, अगर आप फाइल पर ही कुछ नहीं लिखे ,बात नहीं करें, डरेंगे तो कैसे होगा."
ऊपर से आदेश का करते हैं इंतेजार
अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि "अभी जनता को बचाना है और ध्यान देना है कि पैसा का बर्बाद न हो, अभी आप बिना भेदभाव और बिना बेईमानी के ये सोच कर काम करें कि अगर ईमानदारी से काम नहीं किया तो इसका जवाब आपको ऊपर देना होगा. 40 साल नौकरी किया, अभी भी कुछ कर ही रहा हूं और बहुत दुखी होकर कहना पड़ा और ये मेरे दिल की आवाज है इसको सुने आप बहुत कुछ कर सकते हैं. यहां का एडमिनिस्ट्रेशन बहुत अच्छा हो रहा है, दुर्भाग्य है कि बीच में कुछ गड़बड़ हो गया है कि लोग बोलने-लिखने से डरते हैं. सही सलाह नहीं देते, बैठे रहते हैं कि ऊपर से आदेश होगा तो करेंगे."