Reservation in Bihar: राज्यपाल ने आरक्षण संशोधन बिल को दी मंजूरी, बिहार में 75 प्रतिशत रिजर्वेशन का रास्ता साफ
Bihar Caste Survey: जातीय सर्वे की रिपोर्ट के बाद बिहार विधानमंडल में आरक्षण का दायरा बढ़ाने को लेकर बिल पारित हुआ था. वहीं, इस आरक्षण संशोधन बिल को अब राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है.
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पटना: राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने आरक्षण संशोधन बिल 2023 को मंजूरी दे दी है. बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण (Reservation in Bihar) का रास्ता साफ हो गया है. SC-ST, OBC-EBC के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ा. इस संदर्भ में बिहार का सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से गजट प्रकाशन करेगा. उसके बाद यह लागू हो जाएगा. बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में विधानसभा और विधान परिषद में सर्वसम्मति से बिल पारित हुआ था. आरक्षण का दायरा 50 से 65 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था. ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद जोड़कर यह 75 प्रतिशत हो जाएगा.
ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद आरक्षण रहेगा लागू
अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत, अति पिछड़ा जाति को 25 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत आरक्षण मिल सकेगा. वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग वाले लोगों को पहले की तरह 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू रहेगा.
2024 लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार का बड़ा दांव
बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा दांव चला है. बिहार में जातीय गणना के समाजिक-आर्थिक रिपोर्ट जारी होने के बाद सीएम नीतीश ने आरक्षण का दायरा 75% करने का प्रस्ताव दिया था. आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को बिहार कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी. विधानसभा में बिल को दो हिस्सों में पेश किया गया था. इसमें शिक्षण संस्थानों व सरकारी नौकरी में आरक्षण शामिल था. वहीं, जातीय सर्वे की रिपोर्ट में राज्य की कुल आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है. ईबीसी (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है, इसके बाद ओबीसी (27.13 प्रतिशत) है. सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि ओबीसी समूह में शामिल यादव समुदाय, जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा सुमदाय है, जो प्रदेश की कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है.
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