सीतामढ़ी: उत्तर बिहार के किसानों के रीढ़ की हड्डी कहा जाने वाली रीगा चीनी मिल राजनीति का शिकार होता जा रहा है, जिस कारण इलाके के हजारों किसान के परिवार के सामने आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. यह बातें रीगा चीनी मिल के CMD ओपी धानुका ने कही है. दरअसल चार दिन पहले गन्ना विभाग की ओर से चीनी मिल के CMD ओपी धनुका और वाणिज्य महाप्रबंधक आरके पांडे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है, जिसमें चीनी मिल पर धोखाधड़ी करके 12 हजार किसानों को बैंक का कर्जदार बनाये जाने और किसानों के बकाए का भुगतान के नाम पर 80 करोड़ रुपये की निकासी का आरोप लगाया गया है.


ऐसे में चीनी मिल केे CMD ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये अपनी बात सामने रखी. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत मेरे ऊपर यह आरोप लगाया गया है. यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है. यही कारण है कि मैं सरकार से सॉफ्ट लोन की मांग पिछले कई सालों से डिमांड कर रहा हूँ लेकिन बिहार सरकार मेरी एक भी नहीं सुन रही है. यहां तक कि मैं अपनी संपत्ति चीनी मिल की गारंटी में देने को तैयार हूं जिसकी वैल्यू 300 करोड़ से ऊपर है और मुझे सिर्फ 60 करोड़ सॉफ्ट लोन की जरूरत है, जिससे मैं गन्ना किसानों के बकाया राशि का भुगतान कर सकूं. लेकिन बिहार सरकार मुझे सहयोग नहीं कर रही है.


मिल प्रबंधक का कहना है कि सरकार के साथ मिलकर कुछ गन्ना किसान के नेताओं की ओर से यह साजिश रची गयी है और FIR कर बदनाम करने की कोशिश की गई है. बहरहाल इस राजनीति के चक्कर में सीतामढ़ी के सैकड़ों किसान आज करोड़ो के कर्ज में दबे पड़े हैं और गन्ना भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे है.