Bihar: पहले कहा 'मैं चोरों का सरदार', अब मंत्री सुधाकर सिंह ने केंद्र पर हमला करते हुए बिहार सरकार को भी कटघरे में डाला
Sudhakar Singh Statement on Black Martketing: सुधाकर सिंह ने कहा कि मैं तो 25 दिन या एक महीने से मंत्री बना हूं. कालाबाजारी सिर्फ 25 दिनों से नहीं हो रही है.
पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Agriculture Minister Sudhakar Singh) ने कुछ दिन पहले ही अपने विभाग में काम करने वाले अधिकारियों और लोगों को चोर कहा था. उन्होंने यह भी कहा था कि इस लिहाज से वह चोरों के सदार हुए. अब फिर उन्होंने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. सुधाकर सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य में खादों की कालाबाजारी हो रही है. अधिकारी ही कालाबाजारी करवा रहे हैं. उन्होंने आगे यह भी कहा कि केंद्र सरकार ही बिहार में कालाबाजारी करवा रही है.
सुधाकर सिंह ने कहा कि मैं तो 25 दिन या एक महीने से मंत्री बना हूं. कालाबाजारी सिर्फ 25 दिनों से नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि वो दरभंगा गए थे और वहां के लोग आरोप लगा रहे थे कि बिहार सरकार में बैठे लोग खाद की कालाबाजारी करा रहे हैं जो सच है. सुधाकर सिंह ने कहा कि इस बात को वो स्वीकार भी करते हैं. उन्होंने कहा कि चार दिन पहले भी उन्होंने खुद इस पर बयान दिया था.
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कालाबाजारी को लेकर बीजेपी पर हमला
सुधाकर सिंह ने कहा कि सवाल है कि बिहार सरकार में आखिर कौन है वह व्यक्ति जो यह काम करा रहा था? उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में ही अमरेंद्र प्रताप कृषि मंत्री थे. अगर केंद्रीय रसायन ऊर्जा मंत्री ने स्वीकार कर लिया कि बिहार में जो उनकी ही पार्टी का मंत्री था वो चोरी और तस्करी करा रहा था. मैंने चार दिन पहले यह बयान दिया था तो बिहार में हंगामा बरप गया. मैं तो कह रहा हूं कि चोरी हो रहा था. चोरी कराने वाले तो उन्हीं के लोग थे. जो मैं कह रहा था वो बात बिहार में साबित हो गया.
कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार को मात्र 78 प्रतिशत ही बिहार को खाद फर्टिलाइजर मिला. 22 प्रतिशत कम मिलने से बिहार में अफरातफरी मची लेकिन एक महीने में हमलोगों ने इसे लगभग नियंत्रित कर लिया है. रेट में जो इधर-उधर है वो केंद्र सरकार की विफल नीतियों के कारण है. कहा कि खाद बेचने वाली कंपनियां भारत सरकार की हैं. केंद्र ने कानून बनाया है कि कोई भी मूल्य से एक रुपया अधिक खाद बेच रहा हो तो सब्सिडी नहीं दी जाएगी. केंद्र सरकार क्या यह स्वीकार करने को तैयार है कि जिन कंपनियों ने बिहार में 400 या 500 में बेचा है उसे सब्सिडी नहीं देगी? इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ही तस्करी करा रही है.
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