RJD ने सुशील मोदी को बताया 'ड्रामेबाज', कहा- झूठी बयानबाजी कर अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहे BJP नेता
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, " छात्र सुशील मोदी के चरित्र और चाल से अच्छी तरह परिचित हैं. वे बिन बुलाए मेहमान हैं और सर्वव्यापी प्रवक्ता हैं. उनके बयानों की अहमियत और विश्वसनीयता क्या है?"
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पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) ने ये दावा किया है कि आरआरबी अभ्यर्थियों की मांग मानने को तैयार है. छात्रों के आंदोलन के बीच उन्होंने गुरुवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने ये दावा किया कि ग्रुप-डी की दो की बजाय एक परीक्षा ही होगी. वहीं, एनटीपीसी की परीक्षा के 3.5 लाख अतिरिक्त परिणाम "एक छात्र-यूनिक रिजल्ट" के आधार पर जल्द घोषित किए जाएंगे. हालांकि, छात्रों के आश्वस्त करने के बाद सुशील मोदी विपक्ष की टारगेट पर आ गए हैं.
छात्रों को गुमराह करने का प्रयास
आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बीजेपी सांसद पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे झूठी बयानबाजी कर आरआरबी, एनटीपीसी के अभ्यर्थी छात्रों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन छात्र उनके प्रपंच का शिकार होने वाले नहीं हैं. सुशील मोदी ने दावा किया है कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से उनकी मुलाकात में रेलमंत्री ने छात्रों के सभी मांगों को मान लेने की बात कही है. लेकिन पर उनका बयान ही उनके दावों का खंडन करता है.
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, " सुशील मोदी के अनुसार रेल मंत्री ने कहा है कि कमिटि की रिपोर्ट आ जाने के बाद वे छात्रों की सभी मांगों को मान लेंगे. सवाल यह है कि जब रेल मंत्री छात्रों की मांगों को मानने के लिए राजी हैं तो फिर कमिटि की क्या आवश्यकता है. फिर उसके रिपोर्ट की प्रतिक्षा क्यों ?"
बिन बुलाए मेहमान हैं सुशील मोदी
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, " छात्र सुशील मोदी के चरित्र और चाल से अच्छी तरह परिचित हैं. वे बिन बुलाए मेहमान हैं और सर्वव्यापी प्रवक्ता हैं. उनके बयानों की अहमियत और विश्वसनीयता क्या है? वे अपने मन से ही सब जगह अधिकारिक प्रवक्ता की तरह बयान जारी कर देते हैं. जबकि उनकी पार्टी बीजेपी भी अब उनकी बातों को कोई अहमियत नहीं देती." आरजेडी प्रवक्ता ने छात्रों को सुशील मोदी के झांसे से बचने की सलाह देते हुए कहा कि 28 जनवरी के बिहार बंद को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाना है.
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