Ramgarh Seat: पिता आरजेडी बिहार अध्यक्ष, भाई सांसद, आखिर कैसे अजीत सिंह को करना पड़ा हार का सामना?
Ajit Singh: बिहार में रामगढ़ सीट पर हमेशा से आरजेडी का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार आरजेडी के प्रत्याशी अजीत सिंह की हार हुई है. इस हार का मुख्य कारण परिवारवाद है.
Ramgarh Seat: बिहार में रामगढ़ हॉट सीट बनी हुई थी. इस पर हमेशा से आरजेडी का कब्जा रहा है, लेकिन आज परिणाम उल्टा ही दिखा जिसमें आरजेडी के प्रत्याशी अजीत सिंह की भारी मतों से हार हुई. बीजेपी के प्रत्याशी अशोक सिंह से हारना पड़ा. राजनीतिक जानकारों के अनुसार इसका पहला मुख्य कारण परिवारवाद है जिसमें कई आरजेडी के कार्यकर्ता अंदर ही अंदर खिलाफ में थे और कई लोग आरजेडी का दामन छोड़ किसी दूसरे पार्टी में जाकर सम्मिलित हो गए. जो कार्यकर्ता पार्टी को नहीं छोड़ पाए वह अंदर ही अंदर आरजेडी के वोटों का विरोध जताते रहे. दूसरा एक ही घर के विधायक, प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और एमएलसी का होना है. यह लोगों में चर्चा का विषय रहा.
हार में ये मुद्दे रहे खास
- परिवारवाद: जगदानंद सिंह खुद आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. बेटे विधायक से सांसद बन गए और छोटे बेटे को आरजेडी से टिकट देकर विधायक का रास्ता साफ कर दिया था. जिससे जनता में परिवारवाद का असर काफी रहा और लोगों ने आरजेडी के पक्ष में मत नहीं दिया.
- अनर्गल बयानबाजी: सांसद सुधाकर जिस तरह से बयानबाजी सोशल मीडिया पर करते रहते हैं और उनके व्यवहार को लेकर लोगों में नाराजगी की भी बात कही जा रही है. कार्यकर्ताओं की उपेक्षा भी कारण रहा.
- पार्टी के अंदर गोलबंद: पहले आरजेडी के वोटर यादव-मुस्लिम थे और राजपूत-ब्राह्मण भी रामगढ़ में वोट करते थे, लेकिन इस बार गोलबंदी के कारण ज्यादा वोट आरजेडी के वोटबैंक में सेंधमारी हुई. इसके साथ ही मुस्लिम वोट भी इनके खाते से ज्यादा नहीं गया.
- क्षेत्र में विकास का मुद्दा पर कम बातें हुई: विकास का मुद्दा से हटकर सोशल मीडिया पर बने रहना. जिससे लोगों का उत्साह कम दिखा और लोगों ने खुलकर समर्थन नहीं किया.
बीएसपी प्रत्याशी बने बड़ी वजह
वही, बहुजन समाज पार्टी के कैंडिडेट सतीश यादव उर्फ पिंटू ने भारी मत लाए जो दूसरे स्थान पर रहे. 60895 मत प्राप्त किए हैं जबकि बीजेपी के अशोक सिंह को 62257 और अजीत सिंह को 35825 मत ही प्राप्त हुए. सतीश यादव उर्फ पिंटू यादव को दूसरे स्थान पर रहे. बहुत कम मत से चुनाव वो हारे.
सतीश यादव को इतने वोट के कारण लोग बीएसपी प्रत्याशी के व्यवहार को बता रहे हैं. दूसरा कारण यह रहा कि सतीश यादव अंबिका यादव के भतीजे रहे. उनका यादव वोटरों में अच्छा पकड़ा रहा है. कभी आरजेडी के टिकट से वो रामगढ़ से विधानसभा चुनाव जीते थे. यादव, जाति होने की वजह यादव के साथ-साथ मुस्लिमों का भी वोट सतीश यादव को मिले.
वहीं, सतीश यादव विगत 5 साल से राजनीति में लोगों के साथ जुड़े हुए हैं और प्रथम बार विधानसभा का चुनाव उन्होंने लड़ा. सतीश यादव को अच्छा खासा मत मिला, लेकिन दूसरे स्थान पर रहे.
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