मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर लालू यादव की आई प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?
Manmohan Singh Death: नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज सुबह 11:45 बजे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की प्रतिक्रिया आई है. एएनआई से बातचीत के दौरान लालू यादव ने कहा कि स्मारक के लिए जगह मिलनी चाहिए. देश को डॉ. मनमोहन सिंह जैसा राजनेता कभी नहीं मिलेगा. मैं उनके मंत्रिपरिषद का हिस्सा था. मैं उनके बहुत करीब था. वहीं उनसे पूछा गया कि बीजेपी नेताओं का कहना है कि जब तक बिहार में बीजेपी की सरकार नहीं बनेगी, अटल बिहारी वाजपेयी की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी, इसपर उन्होंने कहा कि वो लोग (बीजेपी) जाने हम क्या जाने.
कांग्रेस ने राजघाट पर स्मारक बनाने की थी मांग
बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात को निधन हो गया. उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर है. आज शनिवार को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. लेकिन उससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास होने और वहीं पर उनका स्मारक बनाने की मांग की. अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
#WATCH | Patna | On the issue of allocating space for a memorial for former PM #DrManmohanSingh, RJD chief Lalu Yadav says, "He should get it. The country will never get a politician like Dr Manmohan Singh. I was a part of his Council of Ministers. I was very close to him..." pic.twitter.com/Fs3xg2dLci
— ANI (@ANI) December 28, 2024 [/tw]
केंद्र सरकार की तरफ से क्या कहा गया?
मामले पर केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर ही होगा और केंद्र सरकार मनमोहन सिंह का स्मारक बनवाएगी. लेकिन उनका स्मारक कहां बनेगा, उसकी जगह चुनने में कुछ दिन लग सकते हैं. जिसको लेकर कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान का चयन न करके जानबूझकर देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान किया गया है.
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