Lalu Yadav Bail: डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत
Fodder Scam News: डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है.
Lalu Yadav Bail: चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिली है. झारखंड स्थित डोरंडा कोषागार मामले में पांच साल की सजा पाए लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. मामला डोरंडा ट्रेजरी मामले से संबंधित है जिसमें उन्हें 21 फरवरी को पांच साल की सजा सुनाई गई थी. लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बाद राष्ट्रीय जनता दल की झारखंड इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार ने कहा कि हमारी पार्टी को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था. आज राष्ट्रीय अध्यक्ष को न्याय मिला है. इसके अलावा लालू प्रसाद के यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि अदालत ने 10 लाख रुपये जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है. हम लंबी लड़ाई जीते हैं और अब जब सुनवाई होगी तब देखा जाएगा.
इससे पहले चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139. 35 करोड़ रुपये के गबन मामले में दोषी करार दिए गए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को विशेष सीबीआई अदालत ने पांच साल सश्रम कारावास और 60 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में 39 अन्य लोगों को तीन वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक की कैद और एक लाख से दो करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई थी. डोरंडा मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद यादव के अलावा पूर्व राजद सांसद आर के राणा को भी पांच वर्ष की कैद एवं 60 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी.
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कोर्ट ने लगाया था दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना
विशेष न्यायाधीश एस के शशि ने इस मामले में चालीस में से पांच लोगों को पांच-पांच वर्ष की कैद, 32 को चार-चार वर्ष की कैद और तीन दोषियों को तीन-तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही अदालत ने सभी दोषियों पर एक लाख रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया था.
ये हैं सजा पाने वाले तत्कालीन अधिकारी
इसी साल फरवरी में सजा पाने वालों में तत्कालीन सरकारी अधिकारियों में पशुपालन सचिव बेक जूलियस, महेन्द्र प्रसाद, देवेन्द्र प्रसाद, डॉ. प्रभात कुमार सिन्हा, डॉ. ललितेश्वर प्रसाद यादव, डॉ. कृष्ण बिहारी लाल, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. चंदर किशोर लाल, डॉ. बिरसा उरांव, डॉ. शिवनंदन प्रसाद और डॉ. अर्जुन शर्मा, डॉ. मुकेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. ब्रजनंदन प्रसाद वर्मा, डॉ. रविन्द्र कुमार सिंह और नित्यानंद कुमार सिंह शामिल हैं.
वहीं, सजा पाने वाले चारा तथा दवा, उपकरण आदि आपूर्तिकर्ताओं में रविनंदन कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, मोहिंदर सिंह बेदी, दयानंद प्रसाद कश्यप, सुरेश कुमार दुबे, उमेश दुबे, सत्येन्द्र कुमार मेहरा, राजेश मेहरा, डॉ. विजयेश्वरी प्रसाद सिन्हा, बालकृष्ण शर्मा, डॉ. अजीत कुमार वर्मा, रवीन्द्र कुमार मेहरा, महेन्द्र कुमार कुंदन, राजेन्द्र कुमार हरित, डॉ. राधारमण सहाय, जुनुल भेंगराज और डॉ. गौरीशंकर प्रसाद शामिल हैं.
इनके अलावा अदालत ने पशुपालन विभाग के तीन तत्कालीन अधिकारियों-91 वर्षीय डॉ. नलिनीरंजन प्रसाद, डॉ. रामप्रकाश राम और डॉ. जसवन्त सहाय को तीन-तीन वर्ष की कैद और दो-दो लाख रुपये के जुर्माने की सजा देकर जमानत दे दी थी. इन तीनों को 15 फरवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था क्योंकि अदालत ने पहले उन्हें तीन वर्ष से अधिक सजा की श्रेणी में रखा था. अदालत ने बिहार के पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस को चार वर्ष की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.