(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जमीन नहीं मिलने पर भड़की RJD, पूछा- JDU ने किन प्रावधानों के तहत बढ़ा लिया अपना पार्टी कार्यालय
अशोक चौधरी ने कहा, " विधायकों की संख्या से मतलब नहीं है. हमें खाली जमीन मिल गई. जगदानंद सिंह जो जमीन मांग रहे हैं वो हाई कोर्ट पूल की जमीन है और उसकी संचिका बनी हुई है. उसे रिकंस्ट्रक्ट करना है."
पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश कार्यालय को बढ़ाने के लिए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने नीतीश सरकार (Nitish Government) से जमीन की मांग की थी. लेकिन प्रावधानों का हवाला देते हुए भवन निर्माण विभाग ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है. जमीन नहीं मिलने से नाराज आरजेडी ने जेडीयू (JDU) पर हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कहा, " वो आज सरकार में हैं. लेकिन ये तो लोगों को भी दिख रहा है कि एक ही रोड पर तीन पार्टियों का कार्यालय है- बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी. तीन नंबर की पार्टी सबसे बड़ी जगह लेकर बैठी है."
हमारे समय प्रावधान और कानून बता रहे
पार्टी प्रवक्ता ने कहा, " बीजेपी (BJP) के पास भी राष्ट्रीय जनता दल से ज्यादा जगह है. आरजेडी जो बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है, जहां सबसे अधिक जनता आती है, उसको सबसे कम जगह दी गई है. जमीन देने का प्रावधान है. जेडीयू ने जो और जगहों को अपने अंडर करके अपना पार्टी दफ्तर बढ़ा लिया वो किस प्रावधान के तहत किया. हमारे समय ये प्रावधान और कानून बता रहे हैं."
मृत्युंजय तिवारी ने कहा, " पार्टी दफ्तर के विस्तार के लिए हमने जमीन की मांग की है, सरकार को जमीन देनी चाहिए. लोकतंत्र में विपक्षी पार्टियों का भी सम्मान होना चाहिए. आज हम विपक्ष में हैं, कल हम सत्ता में आए तो हम भी यही करेंगे. हमारी मांग पूरी की जाए. हम सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं. हम लोग चुप नहीं बैठेंगे."
जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को लिखा था पत्र
मालूम हो कि आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को पत्र लिख कर पार्टी ऑफिस के बगल वाली 14000 स्क्वायर फीट जमीन आरजेडी को सौंपने की मांग की थी. इससे पहले मार्च महीने में उन्होंने निर्माण विभाग को इस बाबत पत्र लिखा था, लेकिन उनकी मांग खारिज कर दी गई थी. हालांकि, सरकार ने पार्टी की इस मांग पर असमर्थता जताई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार को साफ तौर पर कह दिया कि जमीन देना संभव नहीं है.
इधर, बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने पूरे मामले पर कहा, " जगदानंद सिंह एक सीनियर लीडर हैं और हमने उनके साथ भी काम किया है. आरोप लगाना एक अलग बात है, लेकिन किन परिस्थितियों में मकान का अलॉटमेंट हुआ था, कब हुआ था, दल गत स्थिति तब क्या थी, ये सब देखना भी जरूरी है."
मांग पूरी करना संभव नहीं
जेडीयू कार्यालय की जमीन के संबंध में उन्होंने कहा, " ये तो किस्मत की बात है कि हमारे कार्यालय के पास हमें और जमीन मिल गई. तब हमने पार्टी कार्यालय का विस्तार किया. 2005 में हमारे पास 88 विधायक थे. उस वक्त ऐसा तो नहीं था कि हमें अधिक जमीन मिल गई थी. विधायकों की संख्या से मतलब नहीं है. हमें खाली जमीन मिल गई. जगदानंद सिंह जो जमीन मांग रहे हैं वो हाई कोर्ट पूल की जमीन है और उसकी संचिका बनी हुई है. उसे रिकंस्ट्रक्ट करना है. ऐसी परिस्थिति में जमीन देना संभव नहीं है."
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