पटना: बिहार में लंबे समय से जातीय जनगणना (Caste Based Census) कराने की मांग उठ रही है. इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षा में प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की थी. हालांकि, केंद्र ने मांग को अस्वीकार कर दिया. ऐसे में सीएम नीतीश ने ये घोषणा की है कि वे बिहार में अपने खर्च से जातीय जनगणना कराएंगे. इस मुद्दे पर बात करने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई जाएगी. उनके इस बयान के बाद से विपक्ष हमलावर है और लगातार बैठक बुलाने की मांग कर रहा है. खासकर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अक्सर इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को घेरते हुए दिखते हैं.
मंत्री सम्राट चौधरी ने कही ये बात
ऐसे में शनिवार को सीएम नीतीश के मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने तेजस्वी के सभी वार पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराना है या नहीं ये बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) तय करेगी. आरजेडी को इस संबंध में मांग करने का अधिकार नहीं है. जब आरजेडी के युवराज ने खुद ही जाति तोड़ कर दूसरे धर्म में शादी कर ली तो फिर इस मांग का क्या मतलब है. बीजेपी-जेडीयू वाले इस संबंध में फैसला लेंगे.
हथियार का लाइसेंस देने का प्रावधान किया
वहीं, जनप्रतिनिधियों की हत्या के संबंध में उन्होंने कहा कि यह वाकई चिंता का विषय का है. इस बात को लेकर हम खुद भी चिंतित हैं. ऐसे में सभी जिले के एसपी एवं जिलाधिकारी को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वैसे सभी प्रतिनिधियों को सुरक्षा प्रदान करें, जो टारगेट पर हैं. हमारी सरकार ने भी पंचायत प्रतिनिधियों को जरूरत के आधार पर हथियार का लाइसेंस देने का प्रावधान किया है. वहीं, वैसे पंचायत प्रतिनिधि जो थाने में सुरक्षा की गुहार लगाएंगे, उनको विशेष सुरक्षा दी जाएगी.
लाल ईंट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध
वहीं, उन्होंने बताया कि बिहार पंचायत चुनाव में कुल 8067 मुखिया जीते हैं, जिनमें से पांच की हत्या हो गई है. ये चिंता का विषय है. सहयोग कार्यक्रम के दौरान मीडिया से मुखातिब हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि पर्यावरण को देखते हुए अब बिहार पंचायती राज विभाग के तहत जितना भी निर्माण कार्य कराया जाएगा, उनमें लाल ईंट का प्रयोग नहीं होगा. सीमेंटेड ईंटों से ही पंचायत का काम होगा. उन्होंने कहा कि पांच जनवरी, 2022 से ग्रामीण क्षेत्रों में 50000 कुआँ के जीर्णोद्धार का काम पूरा कर लिया जाएगा.
विशेष राज्य के दर्जे पर कही ये बात
वहीं, विशेष राज्य के दर्जे की मांग को जेडीयू का एजेंडा बताते हुए उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का अब कोई अब मापदंड नहीं है. कोई कॉलम ही नहीं है, तो विशेष राज्य के दर्जे की मांग करना बेमानी है. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में बिहार विकास की ओर अग्रसर है.
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