(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा', लालू प्रसाद यादव के बयान के मायने समझें, RJD सुप्रीमो हुए फायर
Lalu Prasad Yadav: लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अपनी बात कही है. बिहार में हुई जाति आधारित गणना के आंकड़ों के विरोध पर उन्होंने बड़ी बात कही है.
पटना: बिहार में हो रही राजनीति के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. सोमवार (09 अक्टूबर) को आरजेडी सुप्रीमो ने ट्वीट कर तंज कसा है. लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अपनी बात कही है. हाल ही में बिहार में हुई जातीय गणना को लेकर लालू ने पोस्ट किया है.
लालू प्रसाद यादव ने लिखा- "जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ है. ऐसे लोगों में रत्ती भर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है. किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते हैं जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते हैं. कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा."
गणना के आंकड़ों को लेकर उठाए जा रहे हैं सवाल
दरअसल जातीय गणना को लेकर बिहार में लगातार यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि जारी किए गए आंकड़े सही नहीं हैं. कई नेताओं ने यहां तक कह दिया कि उनके घर कोई टीम ही नहीं गई थी. ऐसे में कोई पड़ोसी या गांव का लोग कैसे सही जानकारी दे सकता है. इस तरह के उठाए जा रहे सवालों के बीच जवाब देते हुए लालू प्रसाद यादव ने यह ट्वीट किया है.
जेडीयू के सांसद भी उठा चुके हैं सवाल
बता दें कि विरोधी ही नहीं बल्कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू भी जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठा चुके हैं. तेली साहू समाज की पटना में बैठक कर चुके हैं. उनका कहना है कि जातीय सर्वे की रिपोर्ट में त्रुटि को लेकर लगातार तेली साहू समाज के द्वारा कई शिकायतें आ रही ही हैं. उनका कहना है कि उनकी गिनती नहीं हुई है. इस संबंध में बैठक में निर्णय लिया गया है कि एक कमेटी मुख्यमंत्री से मिले. मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दें.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हुए फायर
इसी क्रम में लगातार हो रहे विरोध को देखते हुए लालू प्रसाद यादव ने लिखा है कि जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ है. ऐसे लोगों में रत्ती भर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है.
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