Alok Kumar Mehta News: राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी माने जाने वाले उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक आलोक कुमार मेहता के कई ठिकानों पर ईडी की टीम ने शुक्रवार (10 जनवरी, 2025) की सुबह छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि बैंक लोन से जुड़ा यह मामला है. वैशाली को-ऑपरेटिव बैंक से करोड़ों के लेनदेन की बात सामने आई है. जानिए कौन हैं आलोक कुमार मेहता.


59 वर्षीय आलोक कुमार मेहता पुराने राजनीतिज्ञ हैं. शुरू दौर से वे लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े हुए हैं. लालू यादव के काफी करीबी नेता के रूप में पहचान रखते हैं. कुशवाहा समाज से आने वाले आलोक मेहता को लालू प्रसाद यादव की पार्टी हमेशा अगले पायदान पर रखती है. पार्टी के बड़े निर्णय में आलोक मेहता की भूमिका भी रहती है. आरजेडी के टिकट पर वह 2004 से 2009 तक सांसद रहे रह चुके हैं. 2009 में 6 दिनों तक वह अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में अमेरिका में रहे थे.


महागठबंधन की सरकार में रह चुके हैं मंत्री


आलोक कुमार मेहता के खिलाफ राजनीतिक तौर पर कुछ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन कोई भी संगीन मामला नहीं है. किसी मामले में वे दोषी भी नहीं ठहराए गए हैं. उनके दो बेटे हैं. एक बेटी है. आलोक मेहता समस्तीपुर की उजियारपुर विधानसभा सीट से अभी आरजेडी के विधायक हैं. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी थी तो नीतीश सरकार में वह सहकारिता मंत्री रहे थे. 


2017 में नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो गए थे. उसके बाद दूसरी बार जब 2022 में महागठबंधन की सरकार बनी तो 16 अगस्त 2022 से 20 जनवरी 2024 तक वह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रहे थे. उस वक्त जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लेकर काफी विवाद हुआ तो इन्हें ही शिक्षा मंत्री भी बनाया गया था. हालांकि आठ दिन ही शिक्षा मंत्री रहे थे. 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने पाला बदल दिया था और वे शिक्षा मंत्री के पद से हट गए थे.


आलोक मेहता शिक्षित व्यक्ति हैं. ग्रेजुएशन के अलावा इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिग्री ले चुके हैं. पार्टी में वह अलग-अलग समय में अलग-अलग पद पर राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े रहे हैं. सात राज्यों में वे आरजेडी के प्रभारी और युवा आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं. 2002 से 2003 तक युवा राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय सचिव रहे थे. 2003 से 2004 तक राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका में रहे थे. 2004 से 2005 तक बिहार प्रदेश युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. 2005 से 2016 तक युवा राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने काम किया.


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