पटना: मंत्री आलोक मेहता (Alok Mehta ) कुछ दिन पहले एक बयान को लेकर चर्चा में आ गए थे. वहीं, रविवार को एक बार उन्होंने दस प्रतिशत वाले अपने बयान को फिर से दोहराया. उन्होंने कहा कि शहीद जगदेव प्रसाद (Jagdev Prasad) ने यह बात कही थी कि जो अंग्रेजों के दलाल थे. अंग्रेजों ने भारत से जाने से पहले अपनी सत्ता उन्हें सौंपी थी. वह शोषक हो गए और यह वहीं दस प्रतिशत हैं, जो रूप बदल-बदलकर लोगों का शोषण करते रहते हैं.


सरकारी एजेंसियां बिक रही हैं- आलोक मेहता


आलोक मेहता से शोषक वर्ग को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो शोषक वर्ग हैं वो नागपुर से संचालित होते हैं. नागपुर के संचालन से ही शोषक वर्ग काम कर रहा है. आरएसएस के लोग अंग्रेजों के दलाल थे. अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे. आज स्थिति यह हो गई है कि सरकारी एजेंसियां बिक रही हैं. रेलवे, एयरपोर्ट सब बिक गए. समय में कुछ बदलाव जरूर हुए, लालू यादव-नीतीश कुमार के समय बदलाव हुए लेकिन घूम फिर कर वह दलाल वर्ग और शोषक वर्ग अत्याचार करते रहें.


'राम सिर्फ मूर्ति में नहीं हैं'


आगे धर्म के मुद्दे पर मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि धर्म पर किसी एक का अधिकार नहीं है. धर्म मानने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं. राम-राम एक मात्र प्रतिक नहीं हैं. राम सिर्फ मूर्ति में नहीं हैं. राम की पूजा मन में होनी चाहिए. 'रोम-रोम में राम' हम भूल जाते हैं. धर्म के नाम पर पोंगापंथी व्यवस्था की विरोध हो रहा है. वहीं, रामचरितमानस के विरोध पर उन्होंने कहा कि रामचरितमानस का विरोध नहीं हो रहा है. विश्लेषण हो रहा है. लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी को रोक नहीं सकते हैं. वहीं, उदय नारायण चौधरी के 'लंगड़ी सरकार' वाले बयान पर उन्होंने कहा कि बयान देने के लिए पार्टी की तरफ से वो अधिकारिक नहीं हैं.


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