Bihar Anti Paper Leak Bill: पेपर लीक कानून विधानसभा में आज (24 जुलाई) पारित हुआ. इस कानून को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि पेपर लीक मामले को लेकर सख्त कानून आया है. पेपर लीक करने वालों को 100 बार सोचना होगा. कानून से पेपर लीक नहीं होगा. छात्रों के हित के लिए निर्णय लिया गया है. 


वहीं, इस मुद्दे पर आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि पेपर लीक बिल जब विधानसभा में पेश किया गया तो उसको लेकर हम लोग वाकआउट नहीं किए. आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए यह मांग हम लोग कर रहे हैं जिसको सरकार सुन नहीं रही इसलिए वाकआउट किए. पेपर लीक कानून के तहत जिसको मन करे उसको सरकार जेल न भेजे यह देखे. दोषियों पर कार्रवाई हो. पेपर लीक के तार नालंदा व मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग से जुड़ते हैं. पेपर लीक के सरगना नांलदा व मुख्यमंत्री आवास में रहते हैं. नालंदा व मुख्यमंत्री आवास के लोग पेपर लीक कराते हैं. पहले भी ऐसा होता रहा है. 


जेडीयू ने दी प्रतिक्रिया


वहीं, इस मुद्दे पर जेडीयू विधायक संजीव कुमार सिंह ने कहा कि पेपर लीक कानून का हम लोग स्वागत करते हैं. छात्रों में खुशी है. पेपर लीक के मामलों पर रोक लगेगी. छात्रों के हित के लिए यह निर्णय लिया गया है. सख्त कानून है.


क्या है कानून?


बता दें कि एंटी पेपर लीक विधेयक बिहार विधानसभा में पेश में बुधवार को पेश हुआ और पारित भी हो गया. विपक्ष वॉकआउट कर गया था. इसे राज्य सरकार की तरफ से बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण ) विधेयक 2024 नाम दिया गया है. पेपर लीक में शामिल व्यक्तियों को 3-10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही 10 लाख से एक करोड़ जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. ये नियम राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में लागू होंगे. आरोपियों पर नॉन बेलेवल धाराएं लगाई जाएंगी. बिहार में लगातार हो रहे पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए सरकार ने सख्त कानून तैयार किया है.


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