Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार की राजनीति को लेकर काफी सक्रिय हैं. इन दिनों सीएम नीतीश पर जमकर प्रहार कर रहे हैं. पीएम मोदी के पैर छूने वाले प्रकरण पर उन्होंने तीखी टिप्पणी की है. इस पर अब बीजेपी और आरजेडी ने प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के प्रवक्ता अजय आलोक ने शनिवार को कहा कि प्रशांत किशोर को याद नहीं कि उनके कारण बिहार को कितनी बार अपमान सहना पड़ा. उन्होंने इस बयान से बिहार को अपमानित किया है. वहीं, आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.


'प्रशांत किशोर भूल गए हैं अपनी संस्कृति'


अजय आलोक ने कहा कि बड़े भाई, बहन, पिता, माता के पैर छूना बिहार की संस्कृति है. यह बयान बेबुनियाद है, इस पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसा लगता है कि प्रशांत किशोर अपनी संस्कृति भूल गए हैं. वहीं, इस पर मनोज झा ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि बिहार को कई अन्य चीजों की वजह से ज़्यादा नुकसान हुआ है. जैसे कि इसे विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, विशेष पैकेज नहीं मिला, पर्याप्त रोजगार सृजन नहीं हुआ. आगे उन्होंने कहा कि जिस दिन सीएम नीतीश के हाथों में कमल का चायनीज फूल पकड़ा दिया गया था. उस दिन उनको पीड़ा हुई थी. वो मेरे लिए ज्यादा पीड़ा का विषय है.






प्रशांत किशोर ने दिया था ये बयान


बता दें कि प्रशांत किशोर ने भागलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि 13 करोड़ आदमी के जो नेता है वो हमलोगों के अभिमान हैं, सम्मान हैं, लेकिन ये आदमी पूरे देश के सामने झुक कर मुख्यमंत्री बने रहने के लिए पैर छू रहे हैं. 


आगे उन्होंने कहा कि मीडिया के लोग कह रहे थे कि नीतीश कुमार के हाथ में भारत सरकार की कमान है. नीतीश कुमार अगर न चाहें तो देश में सरकार नहीं बनेगी. नीतीश कुमार ने इसके एवज में क्या मांगा? बिहार के बच्चों के लिए रोजगार नहीं मांगा, बिहार के जिलों में चीनी की फैक्ट्रियां चालू हो जाए ये नहीं मांगा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए ये नहीं मांगा, तो फिर बिहार के लोग सोच रहे होंगे कि फिर क्या मांगा? नीतीश कुमार ने मांग रखी कि 2025 के बाद भी वो मुख्यमंत्री बने रहें और इसके लिए बीजेपी भी समर्थन कर दे. बिहार के सभी लोगों की इज्जत इस आदमी ने बेच दी.


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