पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी (Ghulam Rasool Baliavi) ने अपने नेता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर एक साथ निशान साधा है. बलियावी ने आबादी के हिसाब से सत्ता में हिस्सेदारी की मांग की है. इस पर जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने लालू प्रसाद यादव के एमवाई समीकरण को तोड़ने के लिए एक संप्रदाय विशेष को पोषित किया और उसके लिए तुष्टिकरण की पराकाष्ठा की. उसी का यह परिणाम है कि उनके ही पार्टी के बलियावी भस्मासुर बनकर उनके सिर पर हाथ रख दिए. वहीं, इस बयान से आरजेडी और जेडीयू ने किनारा कर लिया है. 


'आप अपनी कुर्सी को त्याग दीजिए'


बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा बलियावी मांग कर रहे हैं कि आप कुर्सी छोड़िए और संप्रदाय विशेष को कुर्सी दे दीजिए. भारतीय जनता पार्टी इस मांग का पुरजोर विरोध करते हुए नीतीश कुमार से मांग करती है कि बिहार में अति पिछड़ा समाज का एक बड़ा वर्ग है उसके लिए आप अपनी कुर्सी को त्याग दीजिए और अति पिछड़ा को मुख्यमंत्री बनाइए और आप जाकर विश्राम कीजिए, आराम कीजिए. वहीं, इस बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बलियावी ने क्या कहा है, क्यों कहा है और किस संदर्भ में कहा है? यह तो वही बताएंगे और इसके लिए उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड का नेतृत्व सक्षम है.
आरजेडी सभी धर्म का सम्मान करती है- मृत्युंजय तिवारी 


मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जेडीयू बयान पर संज्ञान लेगी. हम तो यही जानते हैं कि हमारी पार्टी आरजेडी और महागठबंधन की सरकार सभी धर्म का सम्मान करती है और सभी के हक की बात करती है सभी के विकास के लिए काम करती है. वहीं, बलियावी के बयान पर जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि गुलाम रसूल बलीयावी की पहचान एक अच्छे मजहबी जानकारी के रूप में है. उन्होंने कहा कि बलियावी को लेकर जो बाते हो रही है हमने भी वह वीडियो देखा है वह मजहबी जलसा का है और मजहबी जलसा में  धर्म की बाते होती है, इस्लाम की की बाते होती है.


सीतामढ़ी में बलियावी ने दिया था बयान


अंजुम आरा ने कहा कि बलियावी साहब ने इस उस मजहबी जलसे से अपनी राजनीति भाव को प्रकट किया है. अपनी राजनीतिक सोच को उन्होंने कहा है और मेरा मानना है कि जलसा जो होता है वह मजहब के धर्म के बारे में बताने के लिए होता है राजनीति के लिए अलग मंच होता है. बता दें कि बलियावी ने सीतामढ़ी में एक इस्लामिक रैली के दौरान कहा कि बिहार में सर्वे के बाद जो बाते कही जा रही है कि जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी तो 3 प्रतिशत वाला हुकूमत कर सकता है. 12-13 प्रतिशत वाला 9 मंत्रालय के साथ उपमुख्य मंत्री बन सकता है  तो 18 प्रतिशत वाला क्यों नहीं बन सकता है.


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