Rabri Devi: 'केके पाठक की कार्यशैली मुख्यमंत्री तय करें', सख्त तेवर में राबड़ी देवी ने नीतीश सरकार को लताड़ा
Rabri Devi Statement: केके पाठक के मुद्दे पर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो रहा है. वहीं, इस मुद्दे को लेकर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा.
पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा जारी है. इस बीच बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने गुरुवार को एक बार फिर केके पाठक (KK Pathak) के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को घेरा है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि केके पाठक का कोई अधिकार नहीं है कि किसी भी विश्वविद्यालय के वीसी को बुलाकर बैठक करें. वह अधिकार सिर्फ महामहिम राज्यपाल को है. मुख्यमंत्री एक तरफ कहते हैं कि केके पाठक बहुत ईमानदार हैं और दूसरी तरफ केके पाठक मुख्यमंत्री के आदेश को ही नहीं मान रहे हैं.
जब विपक्ष केके पाठक को लेकर सदन में आवाज उठाता है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों तरफ बोलते हैं ऐसा नहीं चल सकता क्योंकि मुख्यमंत्री को तय करना होगा कि केके पाठक की कार्यशैली कैसी है?
विपक्ष ने सदन में किया जोरदार हंगामा
बता दें कि बिहार विधानसभा में शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आदेश भी ये अधिकारी नहीं मान रहे हैं. विधानसभा में गुरुवार को कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने शिक्षकों की टाइमिंग और केके पाठक का मुद्दा उठाकर जमकर हंगामा किया. वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को उठाते हुए एक वीडियो दिखाने की कोशिश की और कहा कि अधिकारी शिक्षक को गाली तक देते हैं. इसके बाद विपक्षी सदस्य वेल में आ गए.
'ऐसे मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए'
विपक्ष के विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में घोषणा की थी कि शिक्षक कक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले यानी सुबह 9.45 बजे स्कूल आएंगे और कक्षा समाप्त होने के 15 मिनट बाद यानी 4:15 बजे वापस जाएंगे. शिक्षा विभाग ने अभी तक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री की बात भी अधिकारी नहीं सुन रहे हैं. ऐसे मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.
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