(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार में चुनाव से पहले RJD को बड़ा झटका, कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्टी से इस्तीफा
रघुवंश प्रसाद सिंह पार्टी में रामा सिंह की एंट्री और तेजस्वी यादव के मनमाने रवैये से काफी समय से नाराज चल रहे थे. काफी दिनों से उनका मन मनौवल भी किया जा रहा था, लेकिन आखिरकार उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी को बड़ा झटका लगा है. लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे आरजेडी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल, रघुवंश प्रसाद सिंह पार्टी में रामा सिंह की एंट्री और तेजस्वी यादव के मनमाने रवैये से काफी समय से नाराज चल रहे थे.
काफी दिनों से उनका मन-मनौवल भी किया जा रहा था, लेकिन आखिरकार उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. दिल्ली ऐम्स में भर्ती रघुवंश प्रसाद ने इस संबंध में खुद अपने हाथों से लालू यादव को पत्र लिखकर सूचित किया है. बता दें कि आरजेडी को अगड़ी जाति में सबसे ज्यादा सपोर्ट राजपूत समाज से है और रघुवंश प्रसाद सिंह बड़े राजपूत नेता हैं.बता दें कि कोरोना की चपेट में आए आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह दिल्ली ऐम्स में भर्ती हैं और वहीं से उन्होंने पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपने हाथों से पत्र लिख कर इस्तीफा देने की सूचना दी है. रिम्स, रांची के पते पर लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद मैं 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा. लेकिन अब नहीं. पार्टी नेता, कार्यकर्ता और आमजनों ने काफी स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें.
इधर, रघुवंश प्रसाद सिंह के आरजेडी से इस्तीफा देने पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने रिएक्ट करते हुए कहा कि रघुवंश बाबू का इस्तीफा आरजेडी के ताबूत में आखिरी कील है. जिस दमघोंटू वातावरण में वो खुद को असहज महसूस कर रहे थे, उसकी परिणति यही होनी थी. अंततः उन्होंने दलदल से निकलने का फैसला किया और यह निर्णय स्वागत योग्य है.
इधर, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने रघुवंश प्रसाद सिंह के आरजेडी से इस्तीफा दिए जाने पर कहा कि बहुत दिनों से पार्टी के अंदर घुटन महसूस कर रहे थे और उनका कोई निजी कारण रहा होगा, जिस कारण उन्होंने इस्तीफा दिया. ऐसे में अब आरजेडी सिर्फ परिवार की पार्टी रह गई है, वो जनता की पार्टी नहीं है. जेडीयू में शामिल होने संबंध में उन्होंने कहा कि यह तो उनका व्यक्तिगत फैसला है कि उन्हें कहां जाना है.
लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता मुंगेर सांसद ललन सिंह ने कहा कि रघुवंश बाबू बिहार के एक सम्मानित और पुराने समाजवादी नेता हैं. आरजेडी बिहार के सम्मान की बात करती है लेकिन रघुवंश बाबू जैसे धरोहर का भी सम्मान नहीं कर सकी. धनोपार्जन ,धन की उगाही, पार्टी टिकट बेचने वाली पार्टी किसी धरोहर का सम्मान कर भी नहीं सकती. वैसी पार्टी में किसी को सम्मान मिलेगा यह सोचना भी बेमानी है. ऐसे में आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी पार्टी को त्यागने के लिए रघुवंश बाबू को सलाम.
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि रघुवंश सिंह को पार्टी में अपमानित किया गया. जिस नेता ने आरजेडी को खून पसीने से सींचा उसे एक लोटा पानी बताया गया. उन्हें हर पार्टी के नेता सम्मान देते हैं. लेकिन आरजेडी के नेताओं ने उनका इस्तेमाल कर उन्हें इस उम्र में दूध की मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंका है.
रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे का हम ने स्वागत किया. पार्टी प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने कहा, " सही समय पर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि आरजेडी में वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया जाता है. जो नेता अभी वहां हैं वो अपमान का घूंट पीकर जी रहे हैं. रघुवंश बाबू हमारे साथ आएं, हम उनका स्वागत करेंगें."