पटना: शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) में अभी घमासान मचा हुआ है. इसको लेकर खूब बयानबाजी भी हो रही है. वहीं, इस मामले में आरजेडी महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल (Ritu Jaiswal) ने प्रतिक्रिया दी हैं. उन्होंने प्रशासनिक निदेशक सुबोध कुमार चौधरी को आड़े हाथों लिया. रितु जायसवाल ने गुरुवार को ट्वीट कर विभाग के निदेशक को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर शिक्षा विभाग के पत्रों को चोरी-छिपे लीक करने की प्रवृत्ति पर रोक लगानी चाही तो इस पर प्रशासनिक निदेशक भड़क गए और आप्त सचिव के डिग्री पर सवाल खड़ा कर दिया.
रितु जायसवाल ने बोलो हमला
रितु जायसवाल ने ट्वीट कर लिखा है कि 'शिक्षा विभाग के पत्रों को चोरी-छिपे मीडिया में लीक करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जब शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव ने विभागीय पदाधिकारियों से आईपीआरडी के एसओपी का पालन करने को कहा, तो निदेशक (प्रशासन) इतना भड़क गए कि उन्होंने आप्त सचिव से ही यह पूछ लिया कि वह नाम के आगे जो डॉ. लगाते हैं, उसका सबूत दें कि क्या वह किसी उच्च शिक्षण संस्थान में प्राध्यापक रह चुके हैं?'
'रिटायरमेंट तक अपने पद पर बने रहते हैं'
आगे आरजेडी नेत्री लिखती हैं कि 'अरे भाई, पीएचडी या एमबीबीएस डिग्रीधारक कोई भी व्यक्ति अपने नाम के आगे 'डॉ.' लगा सकता है, इसके लिए किसी उच्च शिक्षण संस्थान में प्राध्यापक होना आवश्यक नहीं है. सरकारी सेवकों को यह समझना चाहिए कि वे स्वयं तो एक बार परीक्षा पास करके रिटायरमेंट तक अपने पद पर बने रहते हैं. लेकिन, मंत्रियों-विधायकों को जनता के बीच जाकर हर पांच साल में अग्निपरीक्षा देनी पड़ती है. ऐसे में यदि सरकारी सेवक विभागीय कार्यों में रुचि न लेकर 'रॉबिनहुड' बनने की कोशिश करेंगें, तो जनता का काम कैसे होगा?'
क्या है मामला?
बता दें कि शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के सरकारी आप्त सचिव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को लेकर एक पीत पत्र लिखा था. पत्र में लिखा गया था कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मामलों में सरकार के कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं कराए जा रहे हैं. साथ ही और बातें लिखी गई थीं. इस पत्र के जवाब में आप्त सचिव को ही कड़ी फटकार लगाई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर निदेशक प्रशासन की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत पत्र आप्त सचिव कृष्णा नंद यादव ने लिखा था.
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