JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर बोले RJD नेता- CM नीतीश को अध्यक्ष बनाने की है तैयारी
आरजेडी नेता ने कहा कि अंदर खाने में तो ये भी बात चल रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही अध्यक्ष मान लिया जाए. ये सारी कवायद नीतीश कुमार के दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए की जा रही है.
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पटना: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बदले जाने की चर्चाओं के बीच पार्टी शनिवार को दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करेगी. पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के कयासों के बीच यह बैठक बुलाई गई है. बैठक शाम 4 बजे जंतर-मंतर स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में होगी. हालांकि, जेडीयू की बैठक से पहले सूबे में सियासत शुरू हो गई है. आरजेडी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर तंज कसा है.
जेडीयू चार खंडों में बंट जाएगी
आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज दिल्ली में हो रही है. ये जेडीयू का आंतरिक मामला है कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा. लेकिन इतना जरूर है कि इस फैसले को लेकर जेडीयू में काफी बेचैनी है. अगर इधर-उधर से अध्यक्ष बनाया गया तो जेडीयू चार खंडों में विभक्त हो जाएगी.
आरजेडी नेता ने कहा कि अंदर खाने में तो ये भी बात चल रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही अध्यक्ष मान लिया जाए. ये सारी कवायद नीतीश कुमार के दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए की जा रही है. चूंकि, मौजूदा समय में स्थिति ऐसी है कि अगर कोई और राष्ट्रीय अध्यक्ष बना तो स्वाभाविक रूप से जेडीयू टूट जाएगा.
पूर्व मंत्री ने कही ये बात
इधर, पूर्व मंत्री और जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'पॉलटिक्स विथ डिफ्रेंट' के नाम से जाने जाते हैं. ये पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है, जिसका मैं सदस्य नहीं. लेकिन मुख्यमंत्री की कार्यशैली रही है कि वो संगठन और पार्टी के हित में सर्वमान्य नेता होने के नाते उचित फैसले लेते हैं. अब वो क्या फैसला लेते हैं ये वो ही जानें. लेकिन ये तय है कि फैसला पार्टी के हित में ही होगा.
'एक व्यक्ति, एक पद' के सिद्धांत के संबंध में उन्होंने कहा कि इस संबंध में पार्टी की कार्यकारणी को ही जानकारी है. मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल के तहत काम करते हैं. अपनी जीवन शैली, प्रशासनिक शैली और राजनीतिक शैली में भी, तो ये स्वाभाविक है कि पार्टी के संविधान के तहत पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी फैसला लेगी. अब संविधान में एक पद के बारे में क्या है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. सांसद ललन सिंह को जिम्मेदारी सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो भी फैसला लेंगे, पार्टी के हित में लेंगे.
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