IPL 2024: 'वैभव सूर्यवंशी आने वाले समय में महान क्रिकेटर बनेगा'- अख्तरुल इस्लाम शाहीन
Akhtarul Islam Shaheen: आरजेडी नेता ने कहा कि यह युवा क्रिकेट खिलाड़ी भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम में चयनित होगा और दुनिया में नाम कमाएगा. मैं उसे बार-बार शुभकामनाएं देता हूं.
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Cricketer Vaibhav Suryavanshi: समस्तीपुर विधायक और आरजेडी नेता अख्तरुल इस्लाम शाहीन (Akhtarul Islam Shaheen) ने मंगलवार (26 नवंबर) को बिहार के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) के आईपीएल में खेलने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि ये गर्व की बात है. अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने बिहार के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी की सराहना करते हुए कहा कि आज समस्तीपुर और बिहार का एक बच्चा आईपीएल में खेल रहा है. यह बच्चा बहुत प्रतिभाशाली है. मैं उसे बार-बार शुभकामनाएं देता हूं.
वैभव सूर्यवंशी के लिए क्या कहा?
आरजेडी नेता ने कहा कि यह युवा क्रिकेट खिलाड़ी भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम में चयनित होगा और साथ ही क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि वैभव सूर्यवंशी आने वाले समय में महान क्रिकेटरों जैसे सचिन तेंदुलकर और अन्य दिग्गज खिलाड़ियों के रिकॉर्ड को तोड़ने में सक्षम होंगे.
वहीं विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने बिहार में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी राय रखी. उन्होंने बताया कि जब केंद्र सरकार ने जातिगत गणना करने से इनकार कर दिया था, तो बिहार सरकार ने राज्य में 500 करोड़ रुपये खर्च करके यह कार्य पूरा किया. बिहार सरकार ने जातिगत गणना के आधार पर आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के लिए एक कानून पारित किया था, जिसे केंद्र सरकार ने नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून को केंद्र सरकार द्वारा अनदेखा किया गया और कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया, जिससे बिहार को बड़ा नुकसान हुआ. हम आज विधानसभा में इस पर चर्चा करने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव लेकर आए हैं, ताकि इस मुद्दे पर गंभीर विमर्श हो सके. उन्होंने मांग की कि बिहार सरकार द्वारा पारित इस कानून को फिर से केंद्र सरकार के पास भेजा जाए, ताकि इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया जा सके और आरक्षण के दायरे को उचित तरीके से बढ़ाया जा सके.
जातिगत गणना पर क्या बोले शाहीन
उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार इस पर कदम नहीं उठाती, तो बिहार के लोग इसे लेकर आंदोलन भी कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारी यह मांग है कि जातिगत जनगणना के आधार पर आरक्षण को बढ़ाने के लिए एक और कानून बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाए, ताकि इस कानून को लागू किया जा सके और बिहार के लोगों को उनका हक मिल सके.
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