Aurangabad: अपने बयानों से लगातार चर्चे में आए डेहरी के आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने एक बार विवादित बयान दिया है. मां सरस्वती पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर सियासी बवाल मचाने की पृष्ठभूमि तैयार कर दी है. शुक्रवार (29 दिसंबर) को दाउदनगर आए फते बहादुर ने एक प्रेस वार्ता में मां सरस्वती के बारे में आपत्तिजनक बयान दे डाला. उन्होंने कहा कि सरस्वती को सनातनी ग्रंथों में ब्रह्मा की पुत्री कहा जाता है, लेकिन ब्रह्मा ने उसी से शादी की.
आरजेडी विधायक को सरस्वती की पूजा से आपत्ति
इसके साथ ही उन्होंने सरस्वती पूजा पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि पूजा चरित्रवान की होनी चाहिए. इससे बढ़िया है कि सभी विद्यालयों में सरस्वती की जगह मां सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगानी चाहिए और उन्हीं की पूजा और प्रार्थना भी होनी चाहिए. इसी क्रम में उन्होंने ने भारत सरकार से सावित्री बाई फुले के लिए भारत रत्न की मांग भी कर दी. उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका थीं और महिला शिक्षा में उनके द्वारा किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता.
जब फतेह बहादुर से यह पूछा गया कि कांग्रेस साठ वर्षों तक शासन किया तो उनके शासनकाल में क्यों नहीं सावित्री बाई फुले को भारत रत्न दिया. सवाल के जवाब में उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया और कहा कि बीजेपी की तरह कांग्रेस भी मनुवादी प्रवृत्ति की है और इन दोनों पार्टियों पर सवर्णों और मुनवादियों की पकड़ रही है. जिसके कारण उन्हें भारत रत्न नहीं दी जा सकी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर भी जुबानी प्रहार करते हुए आरजेडी विधायक कहा कि उन्होंने बीजेपी में आकर ब्राह्मणों की अधीनता स्वीकार कर ली है.
कांग्रेस पर आगे प्रहार करते हुए आरजेडी विधायक कहा, "कांग्रेस का गठन करने वाले भी मनुवादी थे और जब बीजेपी का गठन हुआ तो वही मनुवादी लोग बीजेपी में आ गए. मैं ये मानता हूं कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं." बता दें आरजेडी विधायक इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में आ चुके हैं.
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