Poster Controversy: राबड़ी आवास के बाहर RJD MLA फतेह बहादुर ने 'मंदिर' को लेकर लगाया विवादित पोस्टर, लिखा है बहुत कुछ
RJD MLA Fateh Bahadur Poster: आरजेडी एमएलए फतेह बहादुर सिंह ने कुछ समय पहले मां दुर्गा को काल्पनिक बताया था. वहीं, अभी मंदिर को लेकर विवादित पोस्टर लगाया है.
पटना: मां दुर्गा और माता सरस्वती (Mother Saraswati) पर विवादित टिप्पणी करने वाला आरजेडी विधायक (RJD MLA) फतेह बहादुर सिंह (Fateh Bahadur Singh) ने राबड़ी आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया है जिसको लेकर विवाद हो रहा है. सावित्री बाई फुले को आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने पोस्टर के जरिए भारत की पहली शिक्षिका कहा है. पोस्टर के जरिए उन्होंने सावित्री बाई फुले के विचार को भी सामने रखा है. पोस्टर में लिखा गया है 'मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग, जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्क पूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं. अब तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए.'
सावित्री बाई फुले की जयंती को लेकर लगाया गया है पोस्टर
पोस्टर में लालू-राबड़ी, तेजस्वी, कर्पूरी ठाकुर, जगदेव प्रसाद, भीम राव अंबेडकर की भी फोटो है. सावित्री बाई फुले की जयंती समारोह 7 जनवरी को है. उसी दिन इस जयंती पर रोहतास में कार्यक्रम है. उस संदर्भ में पोस्टर लगा है. फतेह बहादुर सिंह ने कुछ समय पहले मां दुर्गा को काल्पनिक बताया था. मां सरस्वती के बारे में कहा था कि ब्राह्मण के ग्रंथों में लिखा है कि सरस्वती ब्रह्माजी की बेटी थी, लेकिन ब्रह्मा ने उनसे शादी की. पूजा चरित्रवानों की होनी चाहिए चरित्रहीन की नही. सरस्वती की जगह सावित्रीबाई फुले की पूजा होनी चाहिए.
बीजेपी की राजनीति के खिलाफ आरजेडी का स्ट्रेटजी
लोकसभा चुनाव है. 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन है. बीजेपी की राम मंदिर की जो राजनीति है उसके खिलाफ लड़ाई लड़ने का मन आरजेडी ने बना ली है.
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