पटना: बिहार के बाहुबली नेता और आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का शनिवार को दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में निधन हो गया. आरजेडी नेता को कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. शहाबुद्दीन के निधन से पार्टी के सभी नेता दुखी हैं. इसी क्रम में अपना दुख प्रकट करते हुए पार्टी के सिवान विधायक अवध बिहारी चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन के निधन के बाद पार्टी खुद को अनाथ महसूस कर रही है. 


सिवान विधायक ने कहा, " शहाबुद्दीन साधारण व्यक्ति नहीं थे. वो विचार के बहुत धनी व्यक्ति थे और आरजेडी के बड़े सुलझे हुए नेता थे. पूरा सिवान उनके द्वारा किए गए विकास की वजह से उन्हें विकास पुरूष कहता था. उन्होंने जो कीर्ति स्थापित की है, वो आज भी सिवान में है. जबतक सूरज-चांद रहेगा, तबतक शहाबुद्दीन साहब की स्मृति भुलाई नहीं जा सकती. उनके आकस्मिक निधन से आरेजडी खुद को अनाथ महसूस कर रही है. "


आरजेडी विधायक ने कहा, " उनके जाने से जो क्षति हुई है, भविष्य में उसे पूरा करना बहुत कठीन है. इतना प्यारा नेता जो सबों के दिल में बसने वाला था, उसे हमने आज खो दिया. ये बहुत दुखद है. हमें उम्मीद नहीं थी, वो इतने जल्दी हमें छोड़ कर चले जाएंगे. कोरोना की वजह से कहीं जा नहीं सकते, लेकिन फ़ोन पर लगातार सभी से बातचीत हो रही है. ओसामा बाबू से बात हुई. हिना सहाब को भी फोन लगाया पर वो इतने गम में हैं कि वो क्या बात करेंगी. लेकिन उनकी बच्ची से बात हुई है और उन्होंने बताया कि उनकी स्थिति क्रिटीकल है." 


अवध बिहारी चौधरी ने कहा, " इस दुख की घड़ी में तमाम आरजेडी परिवार शहाबुद्दीन साहब के परिवार के साथ है.  हर मौके पर हम मजबूती के साथ उनके रहे हैं और आगे भी रहेंगे. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार के लोगों को शक्ति दें, इस दुख को बर्दाश्त करने की."


उन्होंने कहा, " बार-बार अनुरोध के बाद भी उनका इलाज एम्स में नहीं कराया गया, इस बात का हमारे मन में छोभ है. देश का सबसे बड़ा अस्पताल एम्स है और लोगों को वहां से बहुत उम्मीद है. लेकिन वहां इलाज नहीं हो पाया. अब बस हम अपने नेता की एक झलक पाने के लिए व्याकुल हैं. बॉडी लाने की बात हो रही है, इसके लिए जो दिल्ली में अपने लोग हैं, वो इस काम में लगे हुए हैं कि बॉडी उन्हें सुपुर्द किया जाए. परिवार के सभी लोग वहीं हैं. बस उनके माता-पिता प्रतापपुर में हैं."


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