सहरसा: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. अभिनेता की मौत को तकरीबन 3 महीने होने को हैं, लेकिन मामले को लेकर नेताओं की बयानबाजी जारी है. जहां एक ओर पूरा देश सड़क से लेकर संसद तक सुशांत सिंह की मौत का सच जानने को आतुर है. ऐसे में आरजेडी के विधायक का सुशांत के लिए अजीबो गरीब जातिसूचक बयान आया है.
सुशांत सिंह राजपूत नहीं था राजपूत
बता दें कि बिहार के सहरसा विधानसभा के आरजेडी विधायक अरुण यादव का सुशांत के संबंध में चौकानें वाला बयान सामने आया है. उन्होंने कहा " सुशांत राजपूत नहीं था, आपलोग बुरा नहीं मानियेगा. राजपूत महाराणा प्रताप का संतान गला में डोरी (रस्सी) बांधकर नहीं मर सकता है. महाराणा प्रताप राजपूतों के पुरखा हैं, वो यादवों के भी पहले पुरखा हुआ करते थे."
सीबीआई कर रही पूरे मामले की जांच
उन्होंने कहा कि हम लोगों को उसकी मौत का दुख है. लेकिन सुशांत सिंह राजपूत को डोरी बांधकर नहीं मरना चाहिए था. वो राजपूत था उनको मुकाबला करना चाहिए. वैसे मामले की सीबीआई जांच हो रही है और वह अपना काम कर रही है.
पार्टी की भाषा बोल रहे विधायक जी
अरुण यादव के इस बयान ने बिहार की सियासत को गर्म कर दिया है. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने अरुण यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि अरुण यादव जिस दल से हैं, वैसी ही भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. पूरा देश सुशांत के मौत की हकीकत को जानना चाहता है और वो ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं.
चुनावी मुद्दा बनेगी सुशांत की मौत
उन्होंने ये भी कहा कि ये विधायक की मानसिकता का परिचायक है. बता दें कि सुशांत सिंह के मौत मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीबीआई जांच की मांग के साथ-साथ परिवार को इंसाफ दिलाने की मांग शुरू से करते रहे हैं. अब उनके दल के विधायक के इस बयान ने पार्टी की फजीहत कराई है. बहरहाल अभी तो कलाकार की मौत पर जातीय टिप्पणी की आलोचना शुरू हुई है. बिहार के इस चुनावी समर में सुशांत की मौत के साथ अब इस तरह के बयान भी मुद्दा बनेंगे.