RJD MLA Israil Mansuri: नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बिहार में हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर लगातार सरकार को घेर रहे हैं. मीडिया में तो बयान दे ही रहे हैं साथ ही एक्स पर भी बुलेटिन जारी कर रहे हैं. अब उनकी पार्टी के एक विधायक ने तेजस्वी यादव की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कांटी विधानसभा से विधायक इसराइल मंसूरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने लोगों से कहा है कि तेजस्वी यादव को 2025 में मुख्यमंत्री बनाइए और वो अपराधियों, बलात्कारी और गुंडों का नाश करेंगे.
वैशाली में सोमवार (26 अगस्त) को जन्माष्टमी के मौके पर एक कार्यक्रम में इसराइल मंसूरी ने यह बयान दिया. इस दौरान उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के अवतार की चर्चा की. इसराइल मंसूरी ने अपने एक्स (X) अकाउंट पर भी बयान वाले वीडियो को पोस्ट किया है. उन्होंने पोस्ट कर लिखा, "भगवान श्रीकृष्ण जी का अवतार तब हुआ जब धरती पर घोर अन्याय, पापियों का आतंक चल रहा था. लोगों पर जुल्म हो रहे थे. सभी जगह अधर्म ही अधर्म फैला हुआ था तो अधर्म को नाश करने के लिए धर्म को लाने के लिए श्रीकृष्ण जी अवतार लिए थे!"
आगे पोस्ट में इसराइल मंसूरी ने लिखा, "ठीक इसी तरह पूरे बिहार में अपराध हत्या, लूट, बलात्कार हो रहा है. इसको समाप्त करने के लिए कृष्ण जी के वंशज श्री #TejashwiYadav जी को 2025 में मुख्यमंत्री बनाइए, वो अपराधियों, बलात्कारियों, गुंडे का नाश करेंगे!"
इसराइल मंसूरी के बयान पर बीजेपी ने ली चुटकी
उधर इसराइल मंसूरी के इस बयान पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि बिहार में अपराध, हत्या, लूट और अपहरण जैसी तथाकथित आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए श्रीकृष्ण के वंशज तेजस्वी यादव को 2025 में मुख्यमंत्री बनवाने के लिए की गई अपील हास्यास्पद है. आरजेडी के लोगों ने तो चाटुकारिता की सारी हदें पार कर दी है. भगवान श्रीकृष्ण से तेजस्वी यादव की तुलना करना सूरज को दीया दिखाने के समान है.
बिहार में मुख्यमंत्री की कोई वैकेंसी नहीं: बीजेपी
प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि जिनके राज में यह सारी आपराधिक वारदातें होती थी, बिहार बदनाम था, व्यापारी पलायन कर रहे थे और बिहारी कहलाना शर्म की बात होती थी, वही लोग अब सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली के तर्ज पर तेजस्वी का महिमा मंडन कर रहे हैं. बिहार में मुख्यमंत्री की कोई वैकेंसी ही नहीं है. ऐसे लोगों को अपनी संस्कृति, संस्कार और विरासत का तनिक भी ज्ञान नहीं है. उन्हें अपने इतिहास का अध्ययन करना चाहिए.
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