पटना: कुछ ही दिनों के अंदर 2024 के लोकसभा चुनाव का एलान होने वाला है. इससे पहले बिहार में विधायकों के दल बदल का खेल शुरू हो गया है. मंगलवार (27 फरवरी) को कांग्रेस के दो विधायक सिद्धार्थ सौरभ और मुरारी गौतम के अलावा आरजेडी से विधायक संगीता कुमारी ने अपनी पार्टी का साथ छोड़ दिया. इसको लेकर कई तरह की बयानबाजी शुरू हो गई है. इन सबके बीच संगीता कुमारी ने आरजेडी छोड़ने के पीछे बड़ी वजह बताई है.


आरजेडी विधायक संगीता ने मीडिया से बातचीत के दौरान खुलासा करते हुए कहा, "इसमें मैं ज्यादा क्या कहूंगी. यह मेरा निर्णय है. मुझे लगा कि कहीं न कहीं उस पार्टी में दलितों की उपेक्षा की जा रही है. दलितों का सम्मान नहीं किया जा रहा है. ऐसा हुआ है इसलिए हमने यह निर्णय लिया है." वहीं जब पूछा गया कि क्या और भी आपके साथ विधायक आएंगे? तो इस पर संगीता देवी ने इशारों-इशारों में कह दिया कि इस पर मैं ज्यादा नहीं कहूंगी. आगे-आगे देखिए क्या होता है.


संगीता देवी को मिलाकर अब तक चार विधायक हुए अलग


बता दें कि 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दौरान आरजेडी के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव विपक्ष खेमा को छोड़कर सत्ता पक्ष के खेमे में आकर बैठ गए थे. एलान कर दिया था कि उन लोगों ने आरजेडी को छोड़ दिया है. उस वक्त चेतना आनंद ने इशारों-इशारों में स्वर्ण जाति को सम्मान नहीं देने की बात करते हुए कहा था कि ठाकुर के कुंए में बहुत पानी है.


अब संगीता देवी आरजेडी की चौथी विधायक हैं जिन्होंने पार्टी से मुंह मोड़ लिया है. उन्होंने भी कहा कि आरजेडी में दलितों को सम्मान नहीं मिल रहा है. गौरतलब हो कि 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है. बिहार में जातिगत राजनीति होती है. सभी जातियों के नेता अपने-अपने क्षेत्र में दवाब बनाने के प्रयास में रहते हैं. ऐसे में पाला बदल से देखना होगा कि चुनाव में किसे कितना फायदा मिलता है.


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